रिखियापीठ : सात समंदर पार से आये सैंकड़ों विदेशी भक्त इन दिनों अपना-घर संसार भूलकर रिखियापीठ में गुरु व देवी मां की भक्ति में लीन हैं. रिखियापीठ में शतचंडी महायज्ञ सह सीता कल्याणम् के दूसरे दिन देश-विदेश के भक्तों ने देवी मां के एक हजार नामों के साथ श्रीयंत्र में सहस्त्रार्चन किया. अंग्रेजी में अनुवाद संस्कृत के शब्दों में मां की आराधना विदेशी भक्त नियमित कर रहे हैं. सुबह काशी के विद्वान पंडितों ने गुरु पूजा की व दुर्गाशप्तशति का पाठ शुरू हुआ.
स्वामी निरंजनानंद जी ने कहा कि रिखियापीठ में कोई वीआइपी या नन वीआइपी नहीं है. यहां सब एक बराबर हैं. यहां देवी का आह्वान किया गया है और देवी के इस स्थान पर सभी भक्त एक समान हैं. स्वामी निरनंजनानंद व स्वामी सत्संगीजी की उपस्थिति में अनुष्ठान में देवी मां प्रसाद के रूप में ग्रामीणों को घरेलू उपयोग की सामग्री दी गयी. कन्या-बटुकों को नये वस्त्र भी दिये गये.