बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड ने लिया अहम फैसला, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
देवघर : बाबा मंदिर से सटे नाथबाड़ी की जमीन के अलावा उमा भवन से सटे खाली जमीन को मंदिर के लिए अधिग्रहण किया जायेगा. इसके लिए मंदिर प्रबंधन बोर्ड जिला प्रशासन को लिखित देकर स्वीकृति मांगेगा.
उक्त जमीन को मंदिर कार्य व श्रद्धालु हित में उपयोग में लाया जायेगा. उक्त बातें बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड की बैठक के बाद अध्यक्ष टीपी सिन्हा ने दी. उन्होंने कहा कि 2014 फरवरी के पहले सप्ताह में नेहरू पार्क की जमीन पर क्यू कांप्लेक्स का काम शुरू होगा. क्यू कांप्लेक्स के निर्माण में पत्थर का उपयोग किया जायेगा.
इसके अलावे बाबा मंदिर में साल भर होने वाले पर्व-त्योहार का कैलेंडर बनाने का निर्णय भी लिया गया.
श्री सिन्हा ने कहा कि फरवरी माह के पहले सप्ताह में बसंत पंचमी के बाद बोर्ड ने बाबा बैद्यनाथ महोत्सव मनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है. महोत्सव में बाबा मंदिर परिसर के अलावे शिवगंगा, हरलाजोरी, नौलखा आदि जगहों में एक सप्ताह तक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा.
बोर्ड की बैठक में शामिल हुए पर्यटन सचिव
बैठक में भाग लेने आये झारखंड सरकार के पर्यटन सचिव सजल चक्रवर्ती ने बोर्ड को प्रस्ताव दिया कि मंदिर संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए विभाग रांची स्थित पर्यटन विभाग के कार्यालय में कमरा उपलब्ध करायेगा.
तीन फेज में बनेगा काम्प्लेक्स
पर्यटन सचिव ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिये क्यू काम्प्लेक्स का काम तीन फर्ज में होगा. पहले फेज में 37 करोड़ खर्च किये जायेंगे. इसका कुल बजट करीब एक अरब 33 करोड़ का है. सचिव ने इसका निर्माण यूपी निगम के द्वारा कराने का भी प्रस्ताव दिया. उदाहरण के तौर पर यूपी में बने काशी राम पार्क में लगे पत्थर की मूर्ति के डिजाइनर जय कांकिर का नाम सुझाया है.
मंदिर के एक किलोमीटर के रेडियस में जरूरी होगा बोर्ड का एनओसी
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बाबा मंदिर से सटे एक किलो मीटर के रेडियस में किसी भी तरह के काम के लिए खास तौर से जमीन आदि बेचने के लिए मंदिर प्रबंधन बोर्ड से अब एनोसी लेना होगा. इस निर्णय की बोर्ड अध्यक्ष ने भी पुष्टि की. इसके लिए उन्होंने 2002 में आये हाइकोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया.
नाथ बाड़ी से जुड़ा है मंदिर का इतिहास : केएन झा
नाथ बाड़ी की जमीन को मंदिर द्वारा एक्वायर करने के निर्णय पर बोर्ड के सदस्य श्री झा ने सहमति जतायी. उन्होंने कहा कि इस जमीन से मंदिर का पौराणिक इतिहास जुड़ा है.
वहीं बोर्ड की बैठक में क्यू काम्प्लेक्स में शिव पर जल अर्पण करने वाली रावण की प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव पर भी सहमति नहीं बनी. यह प्रस्ताव पर्यटन सचिव ने दिया था.