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सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान सीसीटीवी तो लगा है पर नहीं निकल पाता फुटेजदो साल से अस्पताल का पुलिस सहायता केंद्र भी है बंदप्राइवेट सुरक्षा गार्ड से नहीं संभलती है सुरक्षा व्यवस्थासंवाददाता, देवघरलगातार हो रहे झड़प व हंगामा से सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है. कोई भी आता है और हल्कीं बातों पर भी हंगामा कर आसानी से निकल जाता है. ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से उनका हौसला बढ़ता ही जाता है. नतीजा छोटी-छोटी बातों लोग गाली-गलौज व हंगामा करने पर उतारू हो जाते हैं. इस स्थिति में अस्पताल के डॉक्टरों सहित स्वास्थ्यकर्मियों को काम करने में कठिनाई हो रही है. हजारों रुपये खर्च कर सदर अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा तो लगाया गया है, किंतु स्थिति यह है कि कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर कैमरा को मोड़कर रख दिया गया है. सूत्रों की मानें तो सीसीटीवी कैमरा का कंट्रोल यूनिट अस्पताल के डीएस चैंबर में लगा है. एक घटना के बाद उससे फुटेज निकालने की कोशिश की गयी थी. उस दौरान पता चला कि उक्त सीसीटीवी कैमरा से फुटेज निकलता ही नहीं है. अगर इस बिंदु पर गहराई से जांच करायी गयी तो बड़ा घपला भी उजागर हो सकता है.बंद हो गया पुलिस सहायता केन्द्रअस्पताल में निवर्तमान एक एसपी द्वारा पुलिस सहायता केंद्र खोला गया था. उस दौरान 24 घंटे में अलग-अलग दो पुलिस पदाधिकारियों की ड्यूटी लगायी जाती थी. कोई भी असमाजिक तत्व अस्पताल में हंगामा करने के पहले सोचते थे. केन्द्र से इंजूरी व पंचनामा करने में भी सहूलियत होती थी. एसपी के तबादला के बाद से ही कुछ महीनों तक पुलिस केंद्र रहा पर वहां किसी पदाधिकारी की ड्यूटी नहीं लगती थी. इसके बाद से अस्पताल का पुलिस सहायता केंद्र ही बंद हो गया.प्राइवेट गार्ड का भय नहींआउटसोर्स के तहत सदर अस्पताल में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड लगाये गये हैं. किंतु गार्ड को कोई जोर से डांट देता है तो वे लोग खुद सुरक्षात्मक हो जाते हैं. ऐसे में प्राइवेट गार्ड का आम लोगों पर कोई भय भी नहीं है. अगर इन सभी बिंदुओं पर ध्यान देकर व्यवस्था सुदृढ़ हो तो अस्पताल की व्यवस्था में सुधार हो सकता है और हंगामा कम हो सकता है.

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