देवघर: सरकार के निर्देशानुसार कृषि विभाग ने देवघर जिले में 15 अक्तूबर को सुखाड़ का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट तैयार कर लिया है. कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार धान की फसल नष्ट होने से देवघर जिले में 32़ 49 फीसदी सुखाड़ की स्थिति है.
कृषि विभाग ने सुखाड़ की इस रिपोर्ट को मुख्यालय भेज दिया है. विभाग के अनुसार यह रिपोर्ट सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारियों द्वारा सर्वे कर तैयार किया गया है. रिपोर्ट में सर्वाधिक सोनारायठाढ़ी प्रखंड में 50 फीसदी सुखाड़ की स्थिति दर्शायी गयी है. जबकि सबसे कम मधुपुर प्रखंड में महज 25 फीसदी ही सुखाड़ की स्थिति है. कृषि विभाग के यह आंकड़े किसानों को मुह चिढ़ा रही है. किसानों का कहना है कि जिले भर में सुखाड़ की भयावह स्थिति है. कई जगह पर धान की फसलें पूरी तरह झुलस गयी है, कुछ हिस्सों में अगर हरियाली है भी तो वहां अब तक धान की बालियां नहीं आयी है, इनमें धान नहीं होगा. किसानों का मानना है कि विभाग के अधिकारियों द्वारा धरातल से परे टेबुल रिपोर्ट तैयार किया गया है. हर क्षेत्र में फसल नष्ट हो चुकी है. सरकार अब मुआवजा देने की तैयारी करनी चाहिए.
क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी एसएन सरस्वती ने कहा कि धान की फसल नष्ट होने से देवघर जिले में 32़ 49 फीसदी सुखाड़ की स्थिति है. सुखाड़ की इस रिपोर्ट को मुख्यालय भेज दिया गया है. सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारियों व कृषि विशेषज्ञों द्वारा भौतिक सर्वे कर यह रिपोर्ट तैयार किया गया है.
किस प्रखंड में कितना फीसदी सुखाड़ की स्थिति
देवघर : 30 फीसदी
मोहनपुर : 30 फीसदी
सारवां : 35 फीसदी
सोनारायठाढ़ी : 50 फीसदी
सारठ : 30 फीसदी
पालोजाेरी : 30 फीसदी
मधुपुर : 25 फीसदी
करौं : 35 फीसदी
मारगोमुंडा : 40 फीसदी
देवीपुर : 25 फीसदी