देवघर. मोहनपुर थाना के डंगरी गांव में डायन के संदेह में 75 वर्षीय वृद्धा को आरोपितों ने शाम चार बजे ही उठाकर अपने घर लाया, उसके बाद पहले टेटनस रोग से बीमार महिला पकु टुडू के पास बैठा दिया. इस दौरान आरोपितों की परिजनों ने बीमार महिला को बार-बार ठीक करने के लिए मंझली मुरमू पर दबाव डालना शुरु किया. डर से मंझली मुरमू ने बीमार महिला के शरीर पर सरसों का तेल लगाया. इससे बीमार महिला को कुछ ठीक एहसास हुआ व थोड़ा भोजन किया. इस पर परिजनों को संदेह और बढ़ गया व भूत लगाने की बात कबुल कराने के लिए मंझली मुरमू को पीटना शुरु कर दिया.
इसी क्रम में चूल्हे में गरम लाल रड से अचानक पहले वृद्धा पीठ पर दागा तो वह चिल्ला उठी. उसके बाद चेहरे व हाथ पर कई जगह गरम रड से दागा गया. देर रात होने पर मंझली को आंगन पर धकेल दिया. शरीर में एक साडी लपेटे 57 वर्षीय वृद्धा रात भर दर्द से कराहते रही. उन्हें रात में कोई भोजन भी नहीं दिया गया. सुबह फिर से वृद्धा को धूप में बैठा दिया गया. आरोपितों का कहना था कि रोगी के सामने से मंझली मुरमू को नहीं हटाया जायेगा, वह सामने रहेगी तो रोगी ठीक हो जायेगी.
डर से पुत्र भी मां को बचाने नहीं आ रहे थे
बंधक बनायी गयी वृद्धा के दो पुत्र हैं. दोनों पुत्रों को जानकारी मिली कि उनकी मां को झोतो मरांडी के घर में जबरन रखा गया व गरम रड से दागा गया है. लेकिन दोनों डर से अपनी मां के पास नहीं जा पा रहे थे. चूंकि आरोपितों ने गोलबंद होकर कई लोगों को अपने पक्ष में कर रखा था व भरी पंचायत में सजा देने की तैयारी कर रहे थे. इस दौरान दोनों पुत्रों के भी सजा देने की बात कर रहे थे. जब पुलिस पहुंची तब एक पुत्र पुलिस के समक्ष हिम्मत कर सामने आया. पुलिस ने जब पीडिता को बंधक से मुक्त कराया तब पुत्र ने मां को सबसे पहले भोजन कराया.