इससे अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है. इस व्यवस्था को पूर्व की भांति कायम रखने के लिए प्रयास किया जा रहा है. कहा : यूपी, तामिलनाडू,उतरांचल, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में राज्य सरकार एडवोकेट के कल्याण के लिए पांच से 10 करोड़ रुपये देती है, लेकिन झारखंड में यह व्यवस्था नहीं है. इस कार्य के लिए सूबे के सीएम रघुवर दास ने आश्वस्त किया है. कहा है कि प्रभावी बनाने में सहयोग करेगी.
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35 हजार अधिवक्ताओं का होगा बीमा
देवघर: झारखंड राज्य बार काउंसिल के उपाध्यक्ष सह वरीय एडवोकेट राजेश कुमार शुक्ल गुरुवार को देवघर पहुंचे व एडवोकेट से जिला अधिवक्ता संघ भवन में विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि राज्य के 35 हजार अधिवक्ताओं का सामूहिक बीमा का कार्य शीघ्र कराया जायेगा. साथ ही युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि मुहैया […]
देवघर: झारखंड राज्य बार काउंसिल के उपाध्यक्ष सह वरीय एडवोकेट राजेश कुमार शुक्ल गुरुवार को देवघर पहुंचे व एडवोकेट से जिला अधिवक्ता संघ भवन में विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि राज्य के 35 हजार अधिवक्ताओं का सामूहिक बीमा का कार्य शीघ्र कराया जायेगा. साथ ही युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि मुहैया कराने की योजना बार काउंसिल बना रही है.
झारखंड राज्य बार काउंसिल ने तीन साल तीन माह में उल्लेखनीय काम किया. श्री शुक्ल ने कहा कि अधिवक्ता कल्याण अधिनियम बनवाया, जिसके तहत अधिवक्ता के निधन के बाद परिजनों को 7.50 लाख रुपये तक राशि दी जा रही है. एडवोकेट के लिए पेंशन योजना लागू की गयी है. उन्होंने कहा कि दुमका में हाइकोर्ट की बेंच स्थापित कराने के लिए स्टेट बार काउंसिल हर स्तर पर प्रयासरत है. सूबे के सभी जिलों के बार एसोसिएशनों से अनुभवी व दक्ष अधिवक्ताओं को लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक बनाया जाता था, जिसे पूर्व के राज्य सरकारों ने बदल कर सरकारी कैडर से जोड़ दिया गया है.
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