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जसीडीह में 1952 से हो रही मां दुर्गा की वेदी पूजा
जसीडीह : जसीडीह बाजार स्थित मंदिर में 1952 से वैष्णवी विधि-विधान से मां दुर्गा की वेदी पूजा की जा रही है. वर्ष 1952 में जसीडीह के लोगों ने मिलकर मां दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी. इस समय आचार्य प्रफूल्ल चंद्र ठाकुर ने पंडितों के साथ मिलकर मां दुर्गा की पूजा शुरू की.इसके बाद समय-समय […]
जसीडीह : जसीडीह बाजार स्थित मंदिर में 1952 से वैष्णवी विधि-विधान से मां दुर्गा की वेदी पूजा की जा रही है. वर्ष 1952 में जसीडीह के लोगों ने मिलकर मां दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी. इस समय आचार्य प्रफूल्ल चंद्र ठाकुर ने पंडितों के साथ मिलकर मां दुर्गा की पूजा शुरू की.इसके बाद समय-समय पर गठित समिति के द्वारा मां दुर्गा सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा वेदी पर स्थापित कर पूजा करायी जा रही है. वर्तमान में समिति के सदस्यों व स्थानीय लोगों के सहयोग से मां की पूजा की जा रही है. मां दुर्गा की पूजा आचार्य भूषण पांडेय के नेतृत्व में पंडितों द्वारा की जायेगी.
समिति के अध्यक्ष ने कहा
श्रीश्री मां दुर्गा महोत्सव समिति जसीडीह के अध्यक्ष हरि किशोर सिंह ने बताया कि इस वर्ष दुर्गा पूजा की विशेष तैयारी की जा रही है. महिला भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अष्टमी के दिन कुवांरी भोजन की व्यवस्था मंदिर के छत पर की जायेगी, ताकि डालिया व प्रसाद चढ़ाने में परेशानी नहीं हो. साथ ही इस बार इलेक्ट्रोनिक्स नगाड़ा, झाल आदि की व्यवस्था की गयी है.
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