साथ ही मेले के दौरान आपूर्ति किये गये मोबाइल टॉयलेट का उपयोग नहीं करने की चेतावनी भी नहीं दी गयी थी. आपत्ति को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन नगर निगम सीइओ ने पूरे मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी. बावजूद मोबाइल टाॅयलेट की आपूर्ति करने वाली एजेंसी को नगर निगम प्रशासन द्वारा 60 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया. अब एजेंसी को शेष राशि भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. डिप्टी मेयर सहित पार्षदों के विरोध के बाद भी आपूर्ति एजेंसी को देवघर नगर निगम से भुगतान कर दिये जाने पर जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाये हैं.
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नहीं हुई गुणवत्ता की जांच, हो गया 60 लाख का भुगतान
देवघर : श्रावणी मेले में कांवरियों की सुविधा के लिए करीब एक करोड़ रुपये की लागत से आठ यूनिट मोबाइल टॉयलेट की खरीदारी की गयी. नासिक की श्री साईं एजेंसी द्वारा आपूर्ति किये गये मोबाइल टाॅयलेट की गुणवत्ता सहित कीमत पर डिप्टी मेयर सहित तमाम पार्षदों व पूर्व पार्षदों ने आपत्ति जतायी. साथ ही मेले […]
देवघर : श्रावणी मेले में कांवरियों की सुविधा के लिए करीब एक करोड़ रुपये की लागत से आठ यूनिट मोबाइल टॉयलेट की खरीदारी की गयी. नासिक की श्री साईं एजेंसी द्वारा आपूर्ति किये गये मोबाइल टाॅयलेट की गुणवत्ता सहित कीमत पर डिप्टी मेयर सहित तमाम पार्षदों व पूर्व पार्षदों ने आपत्ति जतायी.
आपूर्ति में गुणवत्ता का नहीं रखा गया है ख्याल
एक करोड़ की लागत से क्रय किये गये मोबाइल टाॅयलेट आपूर्ति में एजेंसी द्वारा गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि मोबाइल टॉयलेट में उपयोग किये गये मैटेरियल की क्वालिटी घटिया है. टॉयलेट का दरवाजा भी अंदर की ओर खुलता है. इस वजह से लोगों को टॉयलेट में प्रवेश में परेशानी होती है. मोबाइल टॉयलेट की एक यूनिट की कीमत करीब दस लाख रुपये बतायी जा रही है. यह बाजार भाव से काफी ज्यादा है.
आठ मोबाइल टाॅयलेट के साथ चार ट्रैक्टर की आपूर्ति
आपूर्तिकर्ता एजेंसी ने आठ मोबाइल टॉयलेट के साथ-साथ चार ट्रैक्टर की आपूर्ति की है. आपूर्ति किये गये ट्रैक्टर से मोबाइल टॉयलेट को एक जगह से दूसरे जगहों पर लाया और ले जाया जा सकता है. लेकिन, ट्रैक्टर में उपयोग किये गये लोहे की सामिग्रयों की गुणवत्ता भी निम्नस्तरीय है.
न विरोध की जानकारी है, न ही भुगतान किया हूं : अपर नगर आयुक्त
देवघर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अवधेश पांडेय ने कहा कि मोबाइल टॉयलेट को लेकर मेरे सामने कोई विरोध नहीं हुआ है. न ही किसी ने जांच की मांग की है. मोबाइल टॉयलेट की आपूर्ति करने वाले एजेंसी को मेरे द्वारा कोई भुगतान भी नहीं किया गया है. अगर किसी का विरोध होता है तो जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
क्या कहते हैं डिप्टी मेयर व नप
मोबाइल टॉयलेट में घटिया फाइबर व मैटेरियल का उपयोग किया गया है. गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है. भुगतान पर अविलंब रोक लगे. एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट जारी करें. वरना आंदोलन निश्चित है.
नीतू देवी, डिप्टी मेयर, नगर निगम देवघर
मोबाइल टॉयलेट निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया. सभी पार्षदों ने विरोध भी किया था. बावजूद एजेंसी को राशि का भुगतान किया जाना गलत है. हम सभी पार्षद बैठक कर आगे की कार्रवाई के लिए रणनीति तैयार करेंगे.
शहनाज प्रवीण, पार्षद, वार्ड संख्या-09
गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखना गंभीर बात है. नगर निगम प्रशासन मोबाइल टॉयलेट की उच्चस्तरीय जांच कराएं. तत्काल एजेंसी के भुगतान पर रोक लगायी जाये. पब्लिक के पैसों का दुरुपयोग नहीं होने दिया जायेगा.
मिथिलेश चरण मिश्र, पार्षद, वार्ड संख्या-30
मोबाइल टॉयलेट खरीदारी के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जाये. दोषी पदाधिकारियों एवं कर्मियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये. पदाधिकारियों की मनमानी नहीं चलने दूंगी.
संजू देवी, पार्षद, वार्ड संख्या-15
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