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जसीडीह तक पहुंची कतार
देवघर : सावन की तीसरी सोमवारी को अपेक्षाकृत कम भीड़ रही. दोपहर बाद लंबी कतार समाप्त हो गयी. तीन बजे के बाद कांवरियों ने बीएड कॉलेज से लेकर जलसार तक में ही कतार में लगकर जलार्पण किया. आंकड़ों के मुताबिक, देर शाम तक तीसरी सोमवारी को तकरीबन 75 हजार से भी अधिक कांवरियों ने अरघा […]
देवघर : सावन की तीसरी सोमवारी को अपेक्षाकृत कम भीड़ रही. दोपहर बाद लंबी कतार समाप्त हो गयी. तीन बजे के बाद कांवरियों ने बीएड कॉलेज से लेकर जलसार तक में ही कतार में लगकर जलार्पण किया. आंकड़ों के मुताबिक, देर शाम तक तीसरी सोमवारी को तकरीबन 75 हजार से भी अधिक कांवरियों ने अरघा के माध्यम से जल चढ़ाया.
अल सुबह से ही कांवरियों की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए एडीजी एसएन प्रधान, आइजी निगरानी मुरारी लाल मीणा, आयुक्त संतालपरगना एल ख्यांगते, डीआइजी देव बिहारी शर्मा, डीसी, एसपी सहित तमाम पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद रहे. आइजी श्री मीणा लगातार वाॅकी-टाकी से निर्देश देते देखे गये.
दूसरी सोमवारी की घटना के बाद सतर्क दिखा प्रशासन : पिछली सोमवारी के हादसे से सीख लेते हुए जिला प्रशासन ने पूरा ध्यान कतार को व्यवस्थित करने में लगाया. रैफ, सीआरपीएफ, जैप, आइआरबी के जवानों ने कतार को सुचारू रूप से संचालित करने में अहम भूमिका निभायी. वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने भी रूट लाइनिंग में घूम कर कांवरियों की कतार व्यवस्था का जायजा लिया.
शीघ्र दर्शनम नहीं, डाक बम को भी नहीं मिली सुविधा : सोमवारी की भीड़ के मद्देनजर डाक बम को विशेष सुविधा नहीं दी गयी. सुल्तानगंज से मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 30 हजार डाक बम देवघर के लिए चले थे. उन्हें शीघ्र दर्शनम की सुविधा नहीं दी गयी. अॉनलाइन दर्शन बुकिंग के तहत भी तकरीबन पांच सौ श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाया.
कतार में फोर्स की तैनाती : तीसरी सोमवारी को हालांकि कतार लंबी लगी थी. जसीडीह के हिल कॉलोनी तक तकरीबन 11 किमी लंबी कतार पहुंच गयी थी. प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर सीधे कतार में कांवरियों को भेजा जा रहा था. बीएड कॉलेज, नेहरू पार्क और संस्कार मंडप में भी बैरिकेटिंग में फेरा नहीं लगवाकर सीधे कतारबद्ध करवाया गया. जब बाबा मंदिर का पट खुला तो तेजी से जलार्पण हुआ. देर शाम तक भीड़ काफी घट गयी.
कांवरिया पथ में बम का आना जारी : कांवरिया पथ पर देर शाम तक कांवरियों का प्रवाह जारी रहा. बोल बम के उदघोष के साथ ही कांवरिये बाबाधाम की ओर आते रहे. सरासनी में प्रवेश कार्ड लेने के बाद सभी कांवरिये सीधे बीएड कॉलेज या जलसार के पास कतारबद्ध हो सीधे जलार्पण करते रहे.
दोनों वाह्य अरघा से भी हजारों लोगों ने किया जलार्पण : मंदिर में अधिक भीड़ को सुलभ जलार्पण की सुविधा मुहैया कराने के खयाल से दो वाह्य अरघा लगाया गया है. असहाय, वृद्ध सहित तमाम वैसे श्रद्धालु जो लंबी कतार से बचना चाहते थे, सभी ने वाह्य अरघा सिस्टम से जलार्पण किया और गंगा जल को टीवी स्क्रीन पर अर्पित होते हुए लाइव देखा.
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