फोटो : अमरनाथ में रिखिया के नाम सेरिखियापीठ में रामकथा का चौथा दिन संवाददाता, रिखियापीठचैत्र नवरात्रि अनुष्ठान पर रिखियापीठ में आयोजित रामकथा के चौथे दिन भागलपुर की प्रसिद्ध मानस कोकिला कृष्णा देवी ने भगवान राम के वनवास की कथा सुनायी. उन्होंने कहा कि यह जीवन सुख-दुख का संसार है. जीवन सब दिन एक जैसा नहीं होता है. जीवन में अंधेरा-उजाले का खेल चलते रहता है. जिसने जीवन में संयम व धैर्य से काम लिया है, वही अपने लक्ष्य में सफल हुए हैं. भगवान राम ने अपने जीवन में संयम, धैर्य व धीरज से बड़े-बड़े कार्य किये. वनवास यात्रा में कष्ट में भी भगवान राम ने धैर्य नहीं खोया. राज्याभिषेक होने के बाद भी उन्होंने संयम रखा. भगवान राम ने कभी घमंंड नहीं किया. उन्होंने अपने जीवन में धैर्य व प्रेम से सफलता पायी. इसलिए भगवान राम मर्यादा पुुरुषोत्तम कहलाये. भगवान राम का पूरा जीवन प्रेरणादायक है जिनके जीवन में धर्म हो, उनके जीवन में संयम रहेगा. कृष्णा देवी ने कहा कि आजकल जीवन में संयम समाप्त हो गया है. लोग सफलता पाने के लिए जल्दबाजी में गलत कदम भी उठा लेते हैं. सफलता पाने के लिए जीवन में कभी कुसंगति नहीं करनी चाहिए. एक पल कुसंगत से जीवन बरबाद हो सकता है. खासकर अभिभावकों को इसमें ध्यान रखने की जरुरत है. इस अवसर पर स्वामी सत्संगीजी भी उपस्थित थीं.
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संयम से काम लेने वाले ही होते हैं सफल : कृष्णा देवी
फोटो : अमरनाथ में रिखिया के नाम सेरिखियापीठ में रामकथा का चौथा दिन संवाददाता, रिखियापीठचैत्र नवरात्रि अनुष्ठान पर रिखियापीठ में आयोजित रामकथा के चौथे दिन भागलपुर की प्रसिद्ध मानस कोकिला कृष्णा देवी ने भगवान राम के वनवास की कथा सुनायी. उन्होंने कहा कि यह जीवन सुख-दुख का संसार है. जीवन सब दिन एक जैसा नहीं […]
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