इसके बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने जांच करायी. जांच में रचना नामक संस्था बार-बार गलत ढंग से पैसा देने की पुष्टि हुई. जांच रिपोर्ट की अनुशंसा के बाद परियोजना निदेशक डॉ प्रभाकर सिंह को पद मुक्त भी किया गया. लेकिन, सत्ता बदलते ही डॉ सिंह को पुरस्कृत किया गया. उनको परियोजना निदेशक के साथ-साथ उद्यान निदेशक का भी प्रभार दे दिया गया.
उद्यान मिशन में 2001 से 2015 तक हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआइ से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सॉयल हेल्थ कार्ड के लिए मशीन खरीदने में भी गड़बड़ी हुई है. सरकार से उन्होंने कृषि बाजार समिति भंग करने, किसानों को ऋण देने की घोषणा तथा दो फीसदी ब्याज दर पर किसानों को ऋण देने की मांग की.