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हर साल छह हजार विद्यार्थी करते हैं परीक्षा पास
राज्य सरकार ने सभी डिग्रियों की मान्यता रद्द की देवघर : हिंदी विद्यापीठ देवघर से प्रति वर्ष लगभग छह हजार विद्यार्थी अलग-अलग परीक्षा में पास होते हैं. विद्यापीठ में मैट्रिक, इंटर समेत स्नातक कला (हिंदी) के समकक्ष पाठय़क्रम की पढ़ाई होती है. हिंदी विद्यापीठ देवघर के व्यवस्थापक कृष्णानंद झा ने बताया कि भारत सरकार ने […]
राज्य सरकार ने सभी डिग्रियों की मान्यता रद्द की
देवघर : हिंदी विद्यापीठ देवघर से प्रति वर्ष लगभग छह हजार विद्यार्थी अलग-अलग परीक्षा में पास होते हैं. विद्यापीठ में मैट्रिक, इंटर समेत स्नातक कला (हिंदी) के समकक्ष पाठय़क्रम की पढ़ाई होती है. हिंदी विद्यापीठ देवघर के व्यवस्थापक कृष्णानंद झा ने बताया कि भारत सरकार ने हिंदी विद्यापीठ की डिग्रियों को स्थायी मान्यता प्रदान की है. इसके अलावा बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, नागालैंड, मणिपुर एवं ओड़िशा ने भी हिंदी विद्यापीठ की डिग्रियों को मान्यता दी है.
श्री झा ने कहा कि विभागीय पत्र अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिल कर पूरे मामले की जानकारी उन्हें देंगे. गौरतलब हो कि कार्मिक, प्रशासनिक और राजभाषा विभाग ने हिंदी विद्यापीठ देवघर की सभी डिग्रियों की मान्यता रद्द कर दी है. राज्य सरकार द्वारा इस कार्रवाई की सूचना दो ढाई माह पहले ही मिल चुकी थी. क्योंकि राज्य की पूर्व सरकार द्वारा जांच कमेटी गठित की गयी थी.
कृष्णानंद झा ने बताया कि परीक्षा केंद्र का निर्धारण अनुमंडलाधिकारी अथवा जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुमोदन के बाद होता है. प्रवेशिका सहित साहित्य भूषण, साहित्यालंकार एवं सेतु की परीक्षा भी डीएम की देखरेख में आयोजित होती है. हिंदी विद्यापीठ के बीए समकक्ष सिलेबस भी विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दिया गया है.
पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए 80 सीटें निर्धारित : भारत सरकार ने हिंदी विद्यापीठ में पूर्वोत्तर के छात्रों के दाखिले के लिए 80 सीटें निर्धारित की है. नार्थ इस्ट के विद्यार्थी निर्धारित सीटों पर दाखिला ले कर पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. डिग्री हासिल करने के बाद अपने-अपने राज्यों में जा कर नौकरी करते हैं. राज्य सरकार के फैसले से विद्यापीठ के कार्यक्रम पर कोई व्यवधान नहीं होगा.
मामले की जानकारी ली जायेगी : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने इस संबंध में कहा है कि हिंदी विद्यापीठ देवघर की डिग्री की मान्यता क्यों समाप्त की गयी है, वह इसकी जानकारी लेंगी. डिग्री की मान्यता के लिए निर्धारित मापदंड को पूरा करना होता है. उन्होंने कहा है कि यह देखना होगा कि हिंदी विद्यापीठ देवघर द्वारा निर्धारित मापदंड को पूरा किया जा रहा था या नहीं.
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