कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय कलाकार संजीव परिहस्त व कोलकाता की उर्मी मुखर्जी ने संयुक्त रूप से की. कलाकार द्वय ने जय शंकर कैलाशपति भजन पर मनमोहक कत्थक नृत्य प्रस्तुत तक दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. उसके बाद दिल्ली से आयी कविता द्विवेदी ने ओड़िशी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
उन्होंने शिव की नगरी में शिव मंत्र पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को वाह-वाह कहने पर मजबूर किया. सबसे अंत में शाहीद परवेज की टीम उतरी. टीम ने कर्णप्रिय सितारवादन प्रस्तुत कर लोगों को बैठने पर मजबूर कर दिया. इसमें तबला पर वरुण मांझी, सितार पर चंद्रचूर भट्टाचार्य, संगीत में अभिजीत गोस्वामी आदि ने साथ दिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर प्रभारी बिंदेश्वरी झा, मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त, सहायक मंदिर प्रभारी दीपक मालवीय, संतोष कुमार, सुबोध कुमार आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.