-30 जनवरी को हुआ था शुरू-बाबा नाम केवलम से गूंजा शहर-श्रद्धालुओं से पटा आनंद मार्ग आश्रमसंवाददाता, देवघरआनंद मार्ग सभी के लिए आनंद का मार्ग है. इसमें सन्यासी व गृहस्थ का सुंदर समन्वय है. उक्त बातें आनंद मार्ग प्रचारक संघ के केंद्रीय प्रशिक्षक आचार्य देव प्रकाशानंद अवधूत ने कही. वह आश्रम राजा बगीचा विलियम्स टाउन में आनंद मार्गदर्शन पर आयोजित तीन दिवसीय योग सेमिनार में अंतिम दिन बोल रहे थे. उन्होंने संस्थागत विश्वस्तरीय स्वरूप का परिचय व कार्य प्रणाली का प्रकाश डाला. आचार्य ने कहा कि इसमें सन्यासी, गृहस्थ, महिलाओं, बच्चों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षी, जगत के समस्त प्राणियों के सुख-दु:ख अस्तित्व का ध्यान रखते हुए नव्य मानवतावाद दर्शन का प्रतिपादन गुरुदेव श्रीश्री आनंदमूर्ति जी ने किया है. इसमें कुल 67 प्रमुख विभाग है. जिसका स्वरुप विश्वस्तर से ग्रामस्तर तक व्याप्त है. मौके पर बाबानाम केवलम से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा. इसमें देवघर सहित जामताड़ा, साहिबगंज, चितरंजन, गोड्डा, दुमका आदि स्थानों से बड़ी संख्या में आनंद मार्ग के समर्थक जुटे. इस दौरान आचार्य भवानंद अवधूत, आचार्य नवारूपानंद अवधूत, मधुमयानंद अवधूत, महीतोषानंद अवधूत, सुकदेवानंद अवधूत, मधुमयानंद अवधूत, रामकृपानंद अवधूत, विष्णुमया आचार्या आदि ने अपने विचार रखे. इसे सफल बनाने में यूनिट सचिव अजय कुमार, किशोर, बमबम देव, जय प्रकाश, हरेराम, रंजन, अधीर, कृष्णकांत मंडल, जगदीश, विकास, शत्रुघ्न, जयकांत, सुरेंद्र, सूर्यकांत, आनंदस्मिता दीदी, नीलम दीदी, रोशन दीदी, कंचन दीदी आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
सन्यासी व गृहस्थ लोगों का सुंदर समन्वय है आनंद मार्ग : देव प्रकाशानंद अवधूत
-30 जनवरी को हुआ था शुरू-बाबा नाम केवलम से गूंजा शहर-श्रद्धालुओं से पटा आनंद मार्ग आश्रमसंवाददाता, देवघरआनंद मार्ग सभी के लिए आनंद का मार्ग है. इसमें सन्यासी व गृहस्थ का सुंदर समन्वय है. उक्त बातें आनंद मार्ग प्रचारक संघ के केंद्रीय प्रशिक्षक आचार्य देव प्रकाशानंद अवधूत ने कही. वह आश्रम राजा बगीचा विलियम्स टाउन में […]
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