सदर प्रखंड के गोड्डा-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर कझिया नदी के तट पर अवस्थित प्राचीन सिंह वाहिनी मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. जहां नवरात्र के दौरान साधक सिद्धि प्राप्त करने आते है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्राचीन काल में नदी के किनारे महेशपुर राजा का घर था. वहां से कुछ ही दूरी पर मां सिंहवाहिनी की स्वर्ण प्रतिमा स्थापित की गयी थी. जहां राजा पूजा अर्चना किया करते थे. वहां से कुछ ही दूरी पर ऋ षि जयमिनी पूजा अर्चना किया करते थे. इसी समय आयी बाढ़ ने सब कुछ तबाहर रख दिया. जिसकी चपेट में मंदिर व राजमहल भी आ गया. इस विपदा से निबटने के बाद राजा ने फिर मंदिर की स्थापना की. तब से लेकर आज तक वहां विधि विधान से पूजा-अर्चना होती आ रही है.
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साधकों के लिये प्रसिद्ध है सिंहवाहिनी धाम
सदर प्रखंड के गोड्डा-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर कझिया नदी के तट पर अवस्थित प्राचीन सिंह वाहिनी मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. जहां नवरात्र के दौरान साधक सिद्धि प्राप्त करने आते है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्राचीन काल में नदी के किनारे महेशपुर राजा का घर था. वहां से कुछ ही दूरी […]
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