देवघर: श्रावणी मेला शुरू होने के बाद भी सदर अस्पताल को दवा उपलब्ध नहीं कराने के मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने गंभीरता से लिया है. दवा मामले में जांच कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाये जानेवाले पर कड़ी कार्रवाई होगी. साथ ही कहा कि श्रावणी मेला के लिए अलग से दवा के लिए फंड उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कहा कि आरडीडीएच एवं देवघर सिविल सजर्न ने दवा उपलब्ध होने की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है. मेला से पूर्व तैयारी को लेकर रिव्यू मीटिंग हुई थी.
आनन-फानन में भेजी गयी दवा
बुधवार को खबर छपने के बाद सीएस कार्यालय से आनन-फानन में अस्पताल को दवा भेजी गयी. उसमें भी डीएस द्वारा मांगी गयी पूरी दवा उपलब्ध नहीं करायी गयी है.
उपलब्ध करायी गयी है दवा तो क्यों नहीं पहुंची अस्पताल
श्रावणी मेला में 55 लाख रुपये की दवा खरीदी गयी है, लेकिन सदर अस्पताल के द्वारा मांगी गयी दवा सीएस कार्यालय उपलब्ध नहीं करा सका है. सिविल सजर्न ने दवा अस्पताल को उपलब्ध करा दिये जाने की बात कही तो वहीं डीएस द्वारा 22 जुलाई को लिखे पत्र में दवा की मांग की गयी है.
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर सीएस द्वारा दवा उपलब्ध करा दी गयी तो डीएस ने दवा की आपूर्ति के लिए क्यों पत्र लिखा. क्या सीएस द्वारा आपूर्ति की गयी दवा सदर अस्पताल नहीं पहुंचती है तो जाती कहां है. डीएस द्वारा दवा की मांग के लिए लिखे गये पत्र के तुरंत बाद सीएस ने कार्रवाई क्यों नहीं की.