सारठ: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा अंचल क्षेत्र के धावाबाद गांव में पेयजलापूर्ति योजना के लिए चिह्न्ति स्थल में निर्माण कार्य अवरुद्ध हो गया है. इस स्थल पर 14 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना था. लेकिन किसी के द्वारा स्थल पर झोपड़ी बना कर कब्जा कर लिये जाने के कारण काम रूक गया है. उक्त भूमि को खाली कराने के लिए विभागीय अधिकारी ने आदेश दिया. इसके बावजूद उक्त शख्स द्वारा इस पर आपत्ति जताते हुए कड़ा विरोध किया गया. जिसे देख विभागीय अधिकारी ने इसकी सूचना उपायुक्त समेत वरीय पदाधिकारियों को दी.
मिला था एनओसी
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 51 डिसमिल जमीन की आवश्यक्ता थी. सीओ द्वारा अक्तूबर 2014 में इसके लिए एनओसी दी गयी थी. उक्त स्थल में स्टाफ क्वार्टर भी बनना है. विभाग द्वारा जमीन की मापी करा कर सीमांकन कराया गया था. लेकिन कब्जा कर लेने के बाद से अब विभाग को योजना को रूप देने में परेशानी हो रही है. इस निर्माण के लिए धनबाद की एक कंपनी को काम दिया गया है.
योजना का उद्देश्य
चितरा पेयजलापूर्ति योजना के तहत धावाबाद गांव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनना है. जिसमें जल संरक्षण कर उसे शुद्ध करना व फिर योजना के तहत घर घर पेयजलापूर्ति मुहैया कराना है. इससे सिकटिया से चितरा के बीच 18 गांवों के लगभग 13 हजार ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा. वर्तमान में पाइप बिछाने व जल मीनार कार्य प्रगति पर है.
क्या कहते हैं अभियंता
भूमि पर कब्जा कर लेने के कारण निर्माण कार्य में परेशानी हो रही है. डब्ल्यूटीपी कार्य भी अवरुद्ध हो गया है. सीओ से लिखित शिकायत दी गयी है.