देवघर: शहीद आश्रम की जमीन मामले में कई सरकारी आला अधिकारी भी फंस सकते हैं. इस जमीन की खरीद-बिक्री में अधिकारियों ने आंख बंद कर कलम चला दी है. सीबीआइ वैसे अधिकारियों को भी घेर सकती है. अब सीबीआइ ने शहीद आश्रम की जमीन की बिंदुवार जांच शुरू कर दी है. ये जांच शुरू हुई तो कैसे हुई शहीद आश्रम के जमीन की डीलींग, किस अधिकारी ने मदद की, कैसे लगी रोक आदि से परदा उठेगा.
7.19 एकड़ जमीन की बिक्री
शहर के ऐतिहासिक झौंसागढ़ी मौज स्थित शहीद आश्रम की जमीन की खरीद-बिक्री का मामला सीबीआइ के पास पहुंच गया है. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ अधिकारियों ने शहीद आश्रम की कुल सात प्लॉट का फाइल अंचल कार्यालय से मंगवाया. सीबीआइ ने कैंप कार्यालय में शहीद आश्रम की जमीन खरीद-बिक्री करने वालों को पेपर के साथ बुलवाया व लंबी पूछताछ की.
इस दौरान अंचल कार्यालय से मंगवायी गयी कागजात व खरीदारों के कागजात से मिलान किया गया. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने जमीन खरीदारों से ¨बदुवार पूछताछ की है. इस दौरान जमीन पर जारी किये गये एनओसी के तर्क को भी सीबीआइ ने परखा. शहीद आश्रम की जमीन के मामले में पूछताछ का यह सिलसिला जमीन के खरीदारों से लगातार जारी रहेगा. ज्ञात हो कि शहीद आश्रम जमीन में घोटाले की शिकायत सीबीआइ से स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किया गया था.
शहीद आश्रम की जमीन में कुल सात प्लॉट है. इसमें कुल छह प्लॉट में 7.19 एकड़ जमीन है, जबकि एक अन्य प्लॉट में 1.24 एकड़ जमीन है. इसमें से 7.19 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री हुई है. इस मामले में सब जज कोर्ट में टाइटल सूट भी चल रहा है. शहीद आश्रम की जमीन देवघर भूमि घोटाले के 826 एकड़ से बाहर की है.