देवघर: मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर गुरुवार को सदर अस्पताल में घंटों हाइ वोल्टेज ड्रामा चला. परिजनों ने जम कर हंगामा किया. बाबा मंदिर लेन स्थित चक्रवर्ती लेन के अजीत चक्रवर्ती (65) की तबियत बिगड़ने के बाद परिजनों ने बुधवार रात को अस्पताल में भरती कराया था.
बताया गया कि रात में ड्यूटी में उपस्थित डॉक्टर अरुण कुमार द्वारा इलाज में लापरवाही की गयी थी. जिस कारण मरीज की स्थिति गुरुवार सुबह और बिगड़ गयी. इसके बाद मरीज के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा व हंगामा करने लगे. सूचना मिलते ही सिविल सजर्न अस्पताल पहुंचे. हंगामा की जानकारी मिलते ही वार्ड पार्षद प्रो सुरेश भारद्वाज ने अस्पताल पहुंचे व स्थिति की जानकारी डीसी को दी. डीसी के निर्देश पर एसडीओ जय ज्योति सामंता पहुंचे व परिजनों से बात की.
इसके बाद एसडीओ ने संबंधित डॉक्टर अरुण कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. उसके बाद सभी डॉक्टरों ने एसडीओ पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए मीटिंग कर हड़ताल पर चले गये. उन्होंने माफी मांगने के बाद ही हड़ताल तोड़ने की बात कहीं. लेकिन मामला दोपहर होते समाप्त हो गया और संबंधित डॉक्टर पर एसडीओ ने प्राथमिकी करने का आदेश निरस्त किया और पीड़ित परिजनों को सामाजिक सुरक्षा फंड से 10 हजार रुपया की सहायता देने का आश्वसन दिया.
ओपीडी व इमरजेंसी सेवा ठप
सुबह 10 बजे से करीब पांच घंटे तक तक सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. इस दौरान मरीजों को देखने नहीं आये. ओपीडी में मरीजों की कतार लग गयी तो कई गंभीर मरीज भी इमरजेंसी सेवा से महरूम रहे.
कर्मचारी व नर्स द्वारा मरीजों का जैसे तैसे प्राथमिक उपचार किया गया. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाते ही मरीजों के परिजन डीएस चेंबर में डॉक्टरों से उलझ पड़े. इस बीच दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई.
डीएसपी सहित कई अधिकारी पहुंचे
मौके पर डीएसपी अनिमेष नैथानी सहित नगर पुलिस इंस्पेक्टर एम आर भार्गव, नगर थाना प्रभारी केके साहु पहुंच कर मामले को शांत कराने की कोशिश की लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों पर डटे रहे.
वार्ता के बाद माने डॉक्टर
हड़ताल को देखते हुए दोपहर करीब दो बजे एसडीओ जय ज्योति सामंता सदर अस्पताल पहुंचे. इसके बाद डीएस चेंबर में सिविल सजर्न के साथ सभी डॉक्टरों के साथ 45 मिनट तक बैठक चली. इस दौरान किसी को अंदर आने की अनुमति नहीं दी गयी. वार्ता के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म किया. एसडीओ ने मरीज अजीत चक्रवर्ती को हायर सेंटर ले जाने के लिए परिजनों को 10 हजार रुपया देने का आश्वासन दिया.