मधुपुर: ब्रिटिश काल से ही मधुपुर शहर में दो पुलिस चौकी व एक थाना संचालित है. पुलिस चौकी संख्या एक थाना परिसर में व चौकी संख्या दो खलासी मुहल्ला में अवस्थित है. चौकी की स्थापना के दौरान शहर की आबादी आज से चार गुणा कम थी. कोई अप्रिय घटना शहर में न हो और शांति व्यवस्था बरकरार रहे इसी उद्देश्य से चौकी बनाये गये थे.
एक दशक पूर्व की बात करें तो दोनों चौकी में चार हवलदार व 16 पुलिस जवान हर वक्त तैनात रहा करते थे. बताया जाता है कि शहर के चौक -चौराहों व मुहल्लों में ये जवान प्रतिदिन गश्ती भी किया करते थे. ताकि चोरी, डकैती, छिनतई सहित अन्य आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके. उस दौरान शहरवासी खुद को सुरक्षित महसूस करते थे. मगर, आज परिस्थिति ठीक इसके उलट है.
पुलिस चौकी संख्या एक पिछले सात माह से पुलिस बल नहीं होने के कारण बंद पड़ा है. वहीं चौकी संख्या दो का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. मात्र एक हवलदार के भरोसे चौकी संख्या दो चलते-फिरते संचालित है. बढ़ती आबादी के अनुरूप शहरवासियों को सुरक्षा व्यवस्था नहीं मुहैया कराया जा रहा है. जिस कारण आपराधिक घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है.
खौफ के साये में शहरवासी
स्थानीय बुद्धिजीवियों ने पुलिस अधीक्षक देवघर से मांग करते हुए कहा है कि मधुपुर के दोनों चौकी पर स्थायी रूप से पुलिस बल व हवलदार को बहाल किये जाने की जरूरत है, ताकि आये दिन हो रहे चोरी, छिनतई जैसी घटनाओं पर अंकुश लगे और भयभीत लोगों को राहत मिल सके.