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बनियासार में आम के पौधरोपण की जांच कर कृषि निदेशक ने कहा, बागवानी है या फुटबॉल का मैदान

देवघर: राष्ट्रीय बागवानी मिशन में फलदार पौधरोपण में हुई बड़ी गड़बड़ी की जांच में दूसरे दिन कृषि निदेशक केडीपी साहु देवघर प्रखंड के बंका, रांगा व बनियासार गांव पहुंचे. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2009-10 में केवल बनियासार गांव में 14.55 हेक्टेयर जमीन पर 1455 आम के पौधरोपण के लिए संस्था को लाखों […]

देवघर: राष्ट्रीय बागवानी मिशन में फलदार पौधरोपण में हुई बड़ी गड़बड़ी की जांच में दूसरे दिन कृषि निदेशक केडीपी साहु देवघर प्रखंड के बंका, रांगा व बनियासार गांव पहुंचे.

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2009-10 में केवल बनियासार गांव में 14.55 हेक्टेयर जमीन पर 1455 आम के पौधरोपण के लिए संस्था को लाखों रुपया का भुगतान किया गया था. कृषि निदेशक ने निरीक्षण में बनियासार गांव में एक भी पौधा नहीं पाये जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह बागवानी है या फुटबॉल का मैदान. लाखों रुपये के भुगतान के बावजूद पांच वर्षो में एक भी पौधा नहीं दिखना बड़ा घोटाला उजागर करता है. इतनी बड़ी गड़बड़ी होने के बावजूद रचना संस्था को 2009-10 के एमओयू पर कैसे आगे काम मिलता रहा है.

इसमें कौन सहयोग कर रहा था व गलतियों को किसने छिपाया है, किन अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर संस्था को भुगतान होता गया, इन सबकी जांच होगी. कृषि निदेशक ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के राज्य परामर्शी डॉ बी मुंडा से आम के पौधों की पूर्व में हुई स्थल जांच रिपोर्ट की कॉपी मांगी. कृषि निदेशक ने बनियासार गांव में पूरे खाली पड़े मैदान व संस्था के बोर्ड की वीडियोग्राफी भी करायी. इस दौरान तालाब व कुआं का भी निरीक्षण किया गया. तालाब में एक बूंद भी पानी नहीं मिला. जबकि कुआं अधूरा पाया गया.

रांगा में 12 हेक्टेयर में केवल सात पौधा

रांगा में जांच के दौरान कृषि निदेशक ने पाया कि रांगा गांव में 12 हेक्टेयर की जमीन पर 1200 पौधे लगाने की जिम्मेवारी रचना संस्था को दी गयी थी. लेकिन निरीक्षण कृषि निदेशक ने रांगा गांव में एक छोर में महज सात आम के पौधे पाये. शेष जमीन परती पड़ी थी. कृषि निदेशक ने रांगा गांव योजना की वर्तमान स्थिति के बारे संस्थाकर्मियों द्वारा दिये गये बयान की वीडियोग्राफी करायी. कुआं भी जमीन से नीचे निर्मित था व पौधों के अभाव में कुआं का उपयोग ही नहीं पाया गया. इस क्रम में बंका गांव में भी जांच में पाया गया कि 1695 पौधा लगाने की जिम्मेवारी संस्था को दी गयी थी, लेकिन यहां महज गिने-चुने पौधे पाये गये. बंका में लाभुक उमेश सिंह निदेशक के समक्ष बयान दर्ज कराया कि पौधों का पटवन मात्र एक बार टैंकर से की गयी. सिंचाई व घेराबंदी की सुविधा नहीं दी गयी. जांच के दौरान एनइपी निदेशक इंदु रानी, डीएचओ केके कुजुर व सीओ शैलेश कुमार थे.

‘ 2009-10 में की गयी आम के पौधारोपण की योजना में कई जगह पौधा धरातल पर नहीं पाया गया. बनियासार में तो एक भी पौधा नहीं मिला है. सिंचाई की योजनाएं भी अधूरी है, जिसका उपयोग नहीं हो रहा है. यह घोटाला की तरह है. योजना के अभिलेखों की जांच हो रही है. उसके बाद अगली कार्रवाई होगी. बुधवार को जामताड़ा में जांच होगी.

– केडीपी साहु, निदेशक, कृषि, झारखंड

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