पाकुड़: पैनम कोल परियोजना को कोयला उत्खनन के लिए दिये गये खनन पट्टा का तरीका गलत है. एसपीटी एक्ट आदिवासियों की जमीन की बिक्री एवं स्थानांतरण की अनुमति नहीं देता. पैनम द्वारा विस्थापन के मामले में भी अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.
उक्त बातें बुधवार को स्थानीय परिसदन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं ग्रामीण कार्य मंत्री लोबिन हेंब्रम ने कही. उन्होंने कहा कि इस परियोजना में जिनके जमीन लिये गये वहां के विस्थापितों को हाउस कंपनशेसन भी नहीं दिये गये हैं.
जमीन अधिग्रहण में पैनम को कोयला खदान देने के लिए गलत प्रक्रिया अपनायी गयी है. पैनम के अधिकारियों ने अधिग्रहण संबंधित कागजात नहीं दिखाया उन्होंने कहा : हमने पैनम कोल के अधिकारियों से कागजात की मांग की, पर उनके द्वारा कोई कागजात नहीं दिखाया गया. पैनम प्रबंधन को समय दिया गया है और कागजात मिलते ही नियमों का किये गये उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि बीते मंगलवार की शाम में डीसी की मौजूदगी में पैनम प्रबंधन पैनम के अधिकारियों के साथ बैठक की गयी. बैठक में एकरारनामा के स्वरूप, जमीन मालिकों को दिये गये मुआवजा आदि से संबंधित कागजात मांगे गये, जो मेरे समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया. संताल परगना कास्तकारी अधिनियम एवं सीबी एक्ट में आदिवासियों की जमीन का स्थानांतरण एवं बिक्री पर प्रतिबंध है. बावजूद पैनम को कोयला खदान का पट्टा एवं जमीन अधिग्रहण कैसे किया गया, यह जांच का विषय है. कंपनी द्वारा कागजात प्रस्तुत करने के बाद मामले की जांच भी की जायेगी. पत्रकार सम्मेलन में मंत्री श्री हेंब्रम ने कहा कि 15 सितंबर के पहले धोती, साड़ी व लुंगी का वितरण पाकुड़ जिले में भी किया जायेगा. कम समय में गांव की सड़कों को दुरुस्त करने का भी काम बतौर विभागीय मंत्री किया जायेगा. मौके पर झामुमो जिला अध्यक्ष श्याम यादव, जिला प्रवक्ता शाहीद इकबाल आदि मौजूद थे. यहां उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार की रात्रि को मंत्री श्री हेंब्रम द्वारा पैनम के अधिकारियों के साथ परिसदन में भू-अर्जन एवं मुआवजा को लेकर बैठक की गयी थी.