देवघर: नागर विमानन व एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की बैठक जिला प्रशासन के साथ सर्किट हाउस में हुई. बैठक में मुख्य रूप से नागर विमानन सचिव सजल चक्रवर्ती, एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (झारखंड बेस) के डायरेक्टर राजू राघवेंद्र, सांसद निशिकांत दुबे व डीसी अमीत कुमार आदि थे.
बैठक में देवघर एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रगति की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि 56 एकड़ रैयती जमीन भू-अजर्न कार्यालय से अधिग्रहण किया जा चुका है. इसके एवज में रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान भी किया जा चुका है. शेष जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. सचिव सजल चक्रवर्ती ने बताया कि देवघर एयरपोर्ट में 650 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. इसमें एयरपोर्ट के पास पहले से ही 57 एकड़ जमीन उपलब्ध है. इसके बाद अब 56 एकड़ नयी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है.
इसलिए इस नई भूमि का दखल किया जा सकता है. 15 दिनों के अंदर जिला प्रशासन प्रक्रिया पूरी कर नागर विमानन को जमीन हस्तांतरित कर देगी व उसके बाद राज्य सरकार से हुई एमओयू के अनुसार एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को जमीन हस्तांतरित कर दिया जायेगा.
डायरेक्टर राजू राघवेंद्र ने बताया कि 15 दिनों में प्रक्रिया पूरी करने जमीन अगर एयरपोर्ट ऑथोरिटी की मिल गयी तो एक माह के अंदर निर्माण कार्य चालू हो जायेगा. इस नये अधिग्रहीत भूमि पर अभियंत्रण का कार्य हो सकता है. इसमें पार्किग व भवन निर्माण का कार्य चालू किया जा सकता है. इस दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि देवघर एयरपोर्ट को कारगो से जोड़ा जायेगा. ताकि इससे सरकार को राजस्व प्राप्त होगा. जल्द जमीन अधिग्रहण के बाद जैसे ही काम चालू हुआ तो दो वर्ष में देवघर एयरपोर्ट तैयार हो जायेगा. बैठक में भू-अजर्न पदाधिकारी राधेश्याम प्रसाद को अधिग्रहीत जमीन का डिमार्केशन करने का निर्देश दिया गया.