देवघर: देवघर नगर निगम प्रशासन ने टॉल टैक्स का टेंडर किये जाने के पूर्व नगर विकास विभाग अथवा झारखंड सरकार से अनुमति प्राप्त नहीं लिया. धारा एवं नियम को अपने तरीके से परिभाषित कर विभाग ने निगम प्रशासन ने टॉल टैक्स के लिए टेंडर कर दिया था.
लगातार विरोध के बाद देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों ने नगर निगम प्रशासन से टॉल टैक्स पर स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया था. लेकिन, कोई स्पष्ट जवाब निगम प्रशासन ने नहीं दिया था. निगम प्रशासन ने धारा एवं नियम का उल्लंघन करते हुए वाहन मालिकों की स्वतंत्रता पर प्रहार किया है.
इसका खामियाजा देवघर के लोग भुगत रहे हैं. वहीं दूसरी ओर टॉल टैक्स के लिए किये गये करार में निगम क्षेत्र में सिर्फ बाहरी वाहनों से टॉल टैक्स की वसूली का अधिकार दिया गया है. लेकिन, यहां भी नियमों को ताक पर रख कर बैरियर प्वाइंट पर धड़ल्ले से स्थानीय वाहनों से टॉल टैक्स की वसूली की जा रही है. हजारों ऐसे लोग हैं जो बाहर का नंबर लिये हैं. मगर वो देवघर में रह रहे हैं. लेकिन, बैरियर प्वाइंट पर स्थानीय लोगों के वाहनों में भी बगैर कोई फर्क किये टॉल टैक्स लेने के लिए जोर जबरदस्ती करने लगते हैं. सिविल एसडीओ के हस्तक्षेप एवं विभागीय पत्र जारी किये जाने के बाद भी निगम प्रशासन व टेंडर प्राप्त करने वाले इसे मानने को तैयार नहीं है.