देवघर: झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा आयोजित वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा 2014 में 56 फीसदी अंक हासिल करने वाले आरमित्र प्लस टू स्कूल देवघर के छात्र विकास कुमार को रसायन विषय में महज 14 अंक देकर फेल कर दिया गया.
बुलंद हौसले के धनी विकास कुमार ने हार नहीं मानी. सूचना अधिकार अधिनियम के तहत उत्तरपुस्तिका का अवलोकन के लिए झारखंड अधिविद्य परिषद को 26 जून 14 को आवेदन दिया. आवेदन स्वीकार कर उत्तरपुस्तिका का अवलोकन के लिए विकास कुमार को रांची बुलाया गया. विकास कुमार ने जैक कार्यालय रांची पहुंच कर उत्तरपुस्तिका का अवलोकन किया. कॉपी में 41 अंक था. लेकिन, अंक पत्र में महज 14 अंक दिया गया था. जैक ने गलती स्वीकारते हुए आपत्ति के निराकरण के लिए छह अगस्त 14 को निर्धारित शुल्क 150 रुपये का शुल्क जमा करने का निर्देश दिया. निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद पिछले एक पखवारे से अंक पत्र के लिए स्कूल का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, अबतक फ्रेश अंक पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है.
अंक पत्र के अभाव में नहीं हो रहा दाखिला : फ्रेश अंक पत्र झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा अबतक उपलब्ध नहीं कराया गया है. नतीजा विकास कुमार स्नातक खंड एक में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं. साइंस में रुचि रखने वाले विकास का सपना एमबीबीएस डॉक्टर बनने का है. परिवार की माली हालत ठीक नहीं है. चार भाइयों में विकास सबसे छोटा है. बड़ा भाई खेती-बारी करते हैं. अन्य दो भाई पढ़ाई करते हैं. परिवार के आजीविका के लिए पिता रिक्शा चलाते हैं.
‘छात्र के भविष्य का सवाल है. व्यक्तिगत रुचि लेते हुए मामले का जल्द से जल्द निराकरण किया जायेगा.’
– राजेश कुमार
ओएसडी, झारखंड अधिविद्य परिषद
क्षेत्रीय कार्यालय, दुमका.