देवघर: मोहनपुर थाना के हंसडीहा रोड स्थित तीखे डुमरिया मोड़ के पास अगर इंडीकेटर रहता तो शायद इतना बड़ा हादसा टल सकता था. बुधवार अलहे सुबह अंधेरे में भाजपा कार्यकर्ताओं से भरी बस के ड्राइवर को शायद डुमरिया के तीखे मोड़ का पता नहीं चला व बस सीधे पेड़ से जा टकरायी.
अगर मोड़ पर रेडियम इंडीकेटर होता तो दूर से मोड़ का पता चल जाता. लेकिन मोड़ पर रेडियम इंडीकेटर तो दूर दोपहर में दूर से नजर आने वाले मोड़ का सूचना पट्ट या कोई निशान तक नहीं लगाया गया है. इसी डुमरिया मोड़ पर सात वर्ष पहले बैजनाथपुर निवासी राजकिशोर चौधरी के परिवार के दो सदस्यों की मौत दुर्घटना में हो गयी थी. सभी यज्ञ देखने मोहनपुर हाट जा रहे थे. एक वर्ष पहले देवघर के पांडे गली निवासी नमक व्यापारी सरयू साह की भी अपनी अल्टो गाड़ी से इसी पेड़ से टकरा गयी थी. सरयू साह पिछले एक वर्ष से कोमा में हैं.
इसके अलावा यह डुमरिया मोड़ दुर्घटना में कई मौतों का गवाह बन चुका है. बावजूद पथ निर्माण विभाग द्वारा डुमरिया मोड़ पर इंडीकेटर नहीं लगाया गया. डुमरिया मोड़ से कुछ ही दूरी पर रमजोरिया के पास हाल के दिनों में इंडीकेटर तो लगाया गया, लेकिन तीखा मोड़ का सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है. जबकि रमजोरिया का मोड़ काफी तीखा है व यहां भी आये दिन गाड़ियां पलट जाती है.
इन जगहों पर भी नहीं है तीखे मोड़ का इंडीकेटर
देवघर के कई मुख्य सड़कों पर तीखे मोड़ होने के बावजूद इंडीकेटर अथवा सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है. इससे में हंसडीहा रोड स्थित चकरमा, जयपुर मोड़, बरदेहिया, जसीडीह रोड स्थित चकाई मोड़, सारवां रोड के पांडेय दुकान, कर्णकोल, हिंडोलावरण, कुंडा रोड, तपोवन मोड़, गौरा पुल, भरभुरा मोड़, खिजुरिया, जटाही मोड़ व सत्संग आश्रम के आगे देवीपुर मोड़ आदि स्थानों में इंडीकेटर अथवा सूचना बोर्ड नहीं है. इन स्थानों पर आय दिन दुर्घटनाएं होती है.