डम-डम डमरू बजावेला, हमार जोगिया… पर झूमे कांवरिया

देवघर : जिला प्रशासन की ओर से श्रावणी मेला में कांवरियों के मनोरंजन के लिए जगह-जगह भक्ति संगीत का आयोजन किया जाता है. गुरुवार की शाम मदरसा मैदान स्थित शिवलोक परिसर में रिदम ग्रुप की ओर से भक्ति गीतों की प्रस्तुति की गयी. ग्रुप के निदेशक अमरेश राज की अगुवाई में गायिका ज्योति, गायक धीरज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2019 2:56 AM

देवघर : जिला प्रशासन की ओर से श्रावणी मेला में कांवरियों के मनोरंजन के लिए जगह-जगह भक्ति संगीत का आयोजन किया जाता है. गुरुवार की शाम मदरसा मैदान स्थित शिवलोक परिसर में रिदम ग्रुप की ओर से भक्ति गीतों की प्रस्तुति की गयी. ग्रुप के निदेशक अमरेश राज की अगुवाई में गायिका ज्योति, गायक धीरज पांडेय ने …हाथी न घोड़ा न कौनो सवारी, पैदल ही जइबो तोरे द्वार, जय- जय- जय महादेवा, डम डम, डमरू बजावेला, हमार जोगिया…, अमृत की बरेस बदरिया…, मेरा भोला है भंडारी आदि भक्ति गीतों की प्रस्तुति कर पूरे शिवलोक भक्तिमय बना डाला. ग्रुप के साथ कीबोर्ड पर-टॉनी, पैड पर कार्तिक, ढोलक पर रत्नेश व रॉकी और बेंजो पर रविकांत ताल दे रहे थे.

कई वीआइपी ने की पूजा
देवघर. सावन का पवित्र माह प्रारंभ होते ही कांवरियों की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. वहीं इस पावन महिने में बाबा भोलेनाथ पर जलार्पण में वीआइपी भी पीछे नहीं है. गुरुवार को आर्ट ऑफ लिविंग के स्वामी भास्कारानंद जी मंदिर पहुंच कर अरघा के माध्यम से बाबा पर जलार्पण किये. इससे पहले मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने विधि पूर्वक संकल्प करा पूजा-अर्चना करायी. इसके अलावा सचिवालय के काफी संख्या में कर्मचारी व ज्यूडिशियल दंडााधिकारियों ने पूजा-अर्चन की. मौके पर आर्ट ऑफ लिविंग के स्थानीय सदस्य निशांत जी मौजूद थे.
बाबा मंदिर से आंखों देखी
देवघर. बाबा मंदिर का पट अपने निर्धारित समय पर खुलने के साथ सभी तरह की विशेष पूजा संपन्न होते ही बाह्य अरघा में जलार्पण करते कांवरियों की उत्साह देखने लायक थी. मुख्य अरघा से जलार्पण कर बाहर निकल रहे कांवरिये की खुशी का ठिकाना नहीं था. कांवरिये जलार्पण के बाद देवघर में की गयी व्यवस्था की तारीफ करते देखे गये. वहीं शीघ्र दर्शनम के इंतजार में बैठे लोग दिन के आठ बजे काउंटर खुलते ही बोलबम का जायकारा लगाते हुए जलार्पण के लिये प्रवेश करते देखे गये. जत्थे में आये गोरखपुर से आये कांवरिये संकल्प कराने के बाद बाबा का जयकारा लगाते हुए मंदिर के परिसर पहुंचते देखे गये.

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