देवघर: विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला में करोड़ों के नशीले पदार्थ का कारोबार होता है. सूत्रों के अनुसार नशे के इस अवैध कारोबार में बड़े-बड़े तस्करों की सहभागिता रहती है. श्रवणी मेला में कारोबार के लिए अंतरप्रांतीय नशा तस्कर यहां पहुंचते हैं.
सूत्रों पर भरोसा करें तो पश्चिम बंगाल, उड़ीसा व बिहार समेत अन्य प्रांतों के नशा तस्कर यहां आते हैं. माह भर के मेले में आराम से मोटी कमाई कर चले जाते हैं. इसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन को भी है. बावजूद इस दिशा में किसी ने कभी कार्रवाई का प्रयास नहीं किया. जानकारी के अनुसार मंगलवार को बिहार के भागलपुर व साहेबगंज जिले के बरहड़वा में एक ही गिरोह के दो सदस्य 21 किलो व 10 किलो गांजा के साथ पकड़े गये हैं. पूछताछ में रेल पुलिस व आरपीएफ को बताया है कि इतनी बड़ी खेप की सप्लाई श्रवणी मेले में करता. पकड़े गये तस्करों से वहां की रेल पुलिस व आरपीएफ पूछताछ करने में जुटी है.
स्थानीय कारोबारियों का मिलता है सहयोग
सूत्रों की मानें तो बड़े तस्कर यहां कारोबारियों को सप्लाय देते हैं. कारोबारी इस अवैध काम में बच्चों, किशोरों का सहारा लेते हैं. सुलतानगंज से बाबाधाम तक के 105 किलोमीटर के इस मेला क्षेत्र में जगह-जगह कांवरिया पथ में थैला लिए बच्चे देखे जाते हैं. वे अपने थैले में गांजा का पुड़िया बना-बना कर रखते हैं. वहीं इस पुड़िया को वे लोग 25-50 रुपये की दर पर बिक्री करते हैं. नशीला पदार्थ बेचने वाले इन बच्चों व किशोरों के थैले में सिगरेट भी रहता है. यह वैसा सिगरेट रहता है, जिसमें गांजा भर कर तैयार रखा जाता है. इस सिगरेट को भी बेचते देखा जा सकता है. इससे पुलिस वालों को शक भी नहीं हो पाता है.
क्या कहते हैं एसपी
कांवरिया पथ में नशे की बिक्री पर पूर्णत: पाबंदी रहेगी. जगह-जगह शिविर में पुलिस अधिकारी प्रतिनियुक्त रहेंगे. वहीं थाने व वरीय पुलिस अधिकारियों की निगरानी रहेगी. सादे लिबास में भी पुलिस की निगरानी रहेगी. ऐसी किसी भी सूचना पर पुलिस त्वरित छापेमारी व कार्रवाई करेगी.
राकेश बंसल, एसपी देवघर