देवघर: विश्व प्रसिद्ध श्रवणी मेला शुरू होने में महज चार दिन शेष है. मगर अब तक कांवरिया पथ स्थित खिजुरिया से लेकर दुम्मा बार्डर तक की तैयारी अधूरी है. काम की गति काफी धीमी है. कांवरिया पथ पर जिला प्रशासन के लगभग हर विभाग का काम अधूरा है. बिजली विभाग की ओर से बिजली पोलों पर अब तक विद्युत तार कसे जा रहे हैं. पथ प्रमंडल विभाग की ओर से पथ की मरम्मत का काम चल रहा है.
पथ के दोनों ओर बालू का ढेर लगा हुआ है. उसे कब बिछाया जायेगा फिलहाल तय नहीं है. पीएचइडी विभाग की ओर से चापानल मरम्मत से लेकर कुएं व स्नानागार की रंग-पुताई चल रही है. दुम्मा स्थित बार्डर के समीप बनने वाले भव्य पंडाल व शिविर के लिए खाका तैयार हो रहा है. शिविर के लिए बांस-बल्लियां गिरनी शुरू हो गयी है. ये तो झारखंड की सीमा के भीतर का हाल है. मगर बिहार की सीमा के अंदर का हाल तो और बुरा है.
दुम्मा बार्डर से सटे सीमा पर बन रहे बिहार सीमा के प्रवेश द्वार पर मार्बल व ग्रेनाइट साटने का काम चल रहा है. जबकि सड़कों का हाल बहुत जजर्र है. झारखंड प्रवेश करने से पहले पूरा सड़क कीचड़मय नजर आ रहा है. हालांकि प्रशासनिक दबाव के कारण ठेका लेने वाले संवेदकों के पसीने छूट रहे हैं. ज्ञात हो कि कांवरिया पथ से होकर ही लाखों कांवरिया बंधु व श्रद्धालु अजगैवीनाथ से 105 किमी की कांवर यात्रा कर बाबामंदिर में जलार्पण के लिए पहुंचते हैं. लेकिन ऐसी तैयारी देख कर तो लग रहा है बाबा के भरोसे ही भक्त अपनी यात्र पूरी कर पायेंगे.