मधुपुर : करोड़ों खर्च नतीजा सिफर, अब चालू नहीं हुआ अल्ट्रासाउंड और ब्‍लड बैंक

मधुपुर : पांच साल पूर्व रेफरल अस्पताल मधुपुर को अपग्रेड कर अनुमंडलीय अस्पताल का दर्जा तो सरकार ने दिया. इसके बाद भी अस्पताल में व्यवस्था अब तक अप ग्रेड नहीं हो सका है. करोड़ों खर्च कर शानदार भवन भी बना दिया गया. लेकिन अब तक अस्पताल में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रारंभ नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 7:18 AM
मधुपुर : पांच साल पूर्व रेफरल अस्पताल मधुपुर को अपग्रेड कर अनुमंडलीय अस्पताल का दर्जा तो सरकार ने दिया. इसके बाद भी अस्पताल में व्यवस्था अब तक अप ग्रेड नहीं हो सका है. करोड़ों खर्च कर शानदार भवन भी बना दिया गया. लेकिन अब तक अस्पताल में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रारंभ नहीं पाया है.
तकरीबन आठ वर्ष पूर्व पोर्टेबल अल्ट्रा साउंड मशीन अस्पताल को उपलब्ध कराते हुए विशेषज्ञ चिकित्सक की भी सरकार ने पदास्थापन कर दिया था. लेकिन अस्पताल में मशीन से एक भी अल्ट्रासाउंड अब तक नहीं हुआ.
बताया जाता है कि वह मशीन कारगर नहीं है और इसके लिए अनुमंडलीय अस्पताल में पदास्थापित चिकित्सक डाॅ. मनीष वर्षों से देवघर सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति में है. जबकि उनका वेतन मधुपुर से मिलता है. वहीं, सात वर्ष पूर्व अस्पताल में ब्लड स्टोरेज सेंटर का निर्माण किया गया है.
इसके लिए लाखों की रेफ्रीजिरेटर व अन्य उपकरण भी अस्पताल में शोभा की वस्तु बनी है. लेकिन अब तक इसमें ब्लड नहीं रखा गया है. मरीजों को ब्लड के लिए इधर-उधर भटकते रहते है. हालांकि अब नये सिरे से अस्पताल के पुराने भवन में बनाये गये ब्लड स्टोरेज सेंटर को नये भवन के कमरे में लाया गया है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
सरकार से ब्लड स्टोरेज सेंटर चालू करने का निर्देश मिला है. इसके लिए लाइसेंस की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. फरवरी माह तक ब्लड स्टोरेज सेंटर चालू हो जायेगा. जबकि नये अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए अधिकारियों से पत्राचार किया गया है.
डॉ. सुनील मरांडी, अस्पताल उपाधीक्षक

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