मधुपुर : नहीं है अपना थाना भवन, थानेदार हैं पुरुष

मधुपुर : मधुपुर महिला थाना के सृजन के बाद से ही अब तक पुरूष ही थानेदारी करते आ रहे हैं. हालांकि इसके बाद भी थाना में पर्याप्त संख्या में पदाधिकारी और महिला पुलिस बल नहीं हैं. महिला थाना का सृजन 28 जनवरी 2016 को हुआ था. इससे पूर्व यह मधुपुर थाना के ही महिला कोषांग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 11, 2019 7:55 AM
मधुपुर : मधुपुर महिला थाना के सृजन के बाद से ही अब तक पुरूष ही थानेदारी करते आ रहे हैं. हालांकि इसके बाद भी थाना में पर्याप्त संख्या में पदाधिकारी और महिला पुलिस बल नहीं हैं. महिला थाना का सृजन 28 जनवरी 2016 को हुआ था. इससे पूर्व यह मधुपुर थाना के ही महिला कोषांग के रूप में कार्यरत था.
महिला थाना के सृजन के बाद यहां मधुपुर व सारठ पुलिस अनुमंडल क्षेत्र के करौं, मारगोमुंडा, सारठ, पालोजोरी व मधुपुर प्रखंड क्षेत्र के महिला हिंसा से जुडे मामले इसी थाने में दर्ज होता है. इसके अलावा पति-पत्नी का विवाद या अन्य मामले का सुलह भी कराया जाता है.
कितने अधिकारी पदास्थापित
महिला थाना के प्रभारी के रूप में एसआइ सुकरू उरांव पदास्थापित हैं. उनके अलावा एएसआइ वैजंयती कुमारी व विजय कुमार सिंह कार्यरत हैं. एक साक्षर आरक्षी और सिर्फ दो महिला आरक्षी ही थाना में पदस्थापित हैं.
वर्ष 2011 के अनुसार पूरे अनुमंडल के पांचों थाना की कुल आबादी 6 लाख 96 हजार 251 है. आबादी और स्ट्रेंथ के हिसाब से यहां अधिकारी व महिला पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति नहीं है.
इसके अलावे यहां कोई चौकीदार का पदास्थापन भी नहीं है. काफी दिनो तक महिला थाना में वाहन भी नहीं था. लेकिन फिलहाल एक पूरानी जिप्सी उपलब्ध कराया गया है. लेकिन वाहन की हालत कंडम है और इसके लिए प्रत्येक माह सिर्फ 175 लीटर डीजल ही आवंटित है.
एफआइआर होने पर सारठ, पालोजोरी और करौं जैसे दूर दराज इलाकों में भी जाकर मामले की जांच, छापेमारी और गिरफ्तारी करनी पडती है. महिला थाना का अपना भवन नहीं है, वहीं क्वार्टर भी नहीं है. मधुपुर थाना के लिए बनाये गये नये व पुराने क्वार्टरों में ही जवान व अधिकारी रहते हैं. थाना में जेनरेटर या सोलर लाइट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है. फिलहाल यहां कोई कम्प्यूटर भी नहीं है और ऑन लाइन केस भी दर्ज नहीं होता है.

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