देवघर: जिले में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना पर ग्रहण लग गया है. राज्य सरकार से आवंटन के अभाव में पिछले सवा माह से जिले में चल रहे 14 दाल-भात केंद्रों में से छह केंद्र बंद हो गये हैं. जबकि शेष बचे आठ केंद्रों में अनाज की कमी के कारण खींचतान चल रही है.
जल्द ही ये सभी केंद्र भी बंद हो जायेंगे. इस बात को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग चिंतित हैं. हालांकि शहरी क्षेत्र में चल रहे दाल-भात केंद्रों के बंद हो जाने से रिक्शा, ठेला चलाने वालों, पानी ढोने वाले या ग्रामीण क्षेत्र से शहर में अपने काम के लिए आने वाले लोगों को सस्ते में भोजन नहीं मिल पा रहा है. केंद्र बंद हो जाने से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सांसत हो गई है. लोगों को सस्ते में पेट भर भोजन नहीं मिल पा रहा है. इस संबंध में विभाग की ओर से मुख्यालय को पत्र लिखा गया है. मगर विभाग की ओर से कोई पहल न होने पर स्थानीय स्तर पर राज्य फुड कार्पोरेशन से संपर्क साधा गया है. बावजूद नतीजा सिफर ही निकला है.
शुरुआती चरण में 14 केंद्र चल रहे थे : जिले में मुख्यमंत्री दाल भात योजना के जरिये आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सस्ते में भोजन मुहैया कराने के लिए 14 केंद्र खोले गये थे. शुरूआती चरण में कुछ दिनों तक चलने के बाद देवीपुर प्रखंड क्षेत्र में चल रहा केंद्र बंद हो गया था. शेष 13 केंद्र चल रहे थे. इनमें से छह शहरी क्षेत्र में व सात ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हो रहे थे. मगर नये वित्तीय वर्ष में (अप्रैल से) सरकार से अनाज का आवंटन न मिल पाने के कारण शहरी क्षेत्र का दाल-भात केंद्र बंद हो गया है. ग्रामीण क्षेत्र में भी जल्द बंद होने की संभावना है. शहरी क्षेत्र के अंतर्गत चलने वाले प्रत्येक केंद्र के लिए सरकार से सालाना 24 क्विंटल व ग्रामीण क्षेत्र के केंद्र के लिए 12 क्विंटल अनाज आवंटित होता था.
अप्रैल माह से जिले को अनाज का आवंटन नहीं मिला है. इस कारण शहरी क्षेत्र के छह केंद्र बंद हो गये हैं. ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे केंद्र भी बंद के कगार पर पहुंच चुके हैं. इसके लिए वरीय पदाधिकारी व स्वयं मैंने मुख्यालय से पत्रचार किया है. साथ ही एसएफसी के जीएम से पहल करने को कहा गया है. उम्मीद है चुनाव परिणाम के बाद जिले को आवंटन प्राप्त हो जायेगा.
– पंकज कुमार सिंह, डीएसओ, देवघर.