देवघर के पालोजोरी स्वास्थ्य केंद्र का मामला, टारगेट पूरा करने के चक्कर में सर्जन ने 5 घंटे में कर डाले 101 ऑपरेशन

पालोजोरी : परिवार नियोजन का टारगेट पूरा करने के चक्कर में दे‌वघर के पालोजोरी स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को पांच घंटे में जैसे-तैसे 101 महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया गया. यह कारनामा एक ही सर्जन डॉ आशा ने कर दिखाया. वह दोपहर करीब 12 बजे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं और शाम पांच बजे तक सभी महिलाओं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 8, 2018 6:42 AM
पालोजोरी : परिवार नियोजन का टारगेट पूरा करने के चक्कर में दे‌वघर के पालोजोरी स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को पांच घंटे में जैसे-तैसे 101 महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया गया. यह कारनामा एक ही सर्जन डॉ आशा ने कर दिखाया. वह दोपहर करीब 12 बजे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं और शाम पांच बजे तक सभी महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया. ऑपरेशन के बाद महिलाओं की जो दुर्दशा शुरू हुई, उसे देख कर कोई भी बंध्याकरण से तौबा कर ले. सभी मरीजों को बंध्याकरण के बाद बरामदे में ही सुला दिया गया़
उन्हें ओढ़ने के लिए कंबल तक नहीं दिये गये. बरामदे में एक ही साथ सुलाए जाने के कारण महिलाओं में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. इन्हें देखने के लिए रात में मात्र एक चिकित्सक डॉ लियाकत अंसारी की ड्यूटी लगायी गयी है. इस सीएचसी में 30 बेड की ही क्षमता है. सप्ताह में दो या तीन दिन शिविर लगा कर नियमित रूप से बंध्याकरण ऑपरेशन किया जाता है़
दरअसल सीएचसी बंध्याकरण ऑपरेशन के टारगेट में पीछे था. इसलिए जैसे-तैसे यह ऑपरेशन कर दिया गया.प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा, टारगेट पूरा नहीं हुआ था : इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनी एलिजाबेथ टुडू ने बताया कि लोगों के आग्रह पर 101 मरीजों का ऑपरेशन कराया गया है़ पालोजोरी का टारगेट पूरा नहीं हुआ था, इसलिए ज्यादा ऑपरेशन किया गया है़ सीजन भी समाप्त हो रहा था, इसलिए भी संख्या बढ़ गयी.
टारगेट पूरा करना था
सर्जन डॉ आशा 12 बजे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं और शाम पांच बजे तक सभी महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया
हर तीन मिनट में एक बंध्याकरण किये गये
ऑपरेशन के बाद बेड के बजाय बरामदे पर मरीजों को सुलाया
ओढ़ने के लिए नहीं दिया गया कंबल, भोेजन भी नहीं मिला
संक्रमण के खतरे के बीच महिलाओं ने काटी रात

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