मधुपुर: हावड़ा -नयी दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस के सामान्य कोच में रेल यात्री भेड़-बकरी की तरह सफर कर रहे हैं. दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में बेतहाशा भीड़ के कारण रेल यात्रियों को ट्रेन के शौचालय में सफर करना पड़ रहा है.
वैसे तो रेल प्रशासन यात्री सुविधा के बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन हकीकत कुछ और ही है. सीट नहीं मिलने के कारण लोगों को लंबी दूरी की ट्रेन में या तो गेट पर या फिर शौचालय में बैठ कर यात्र करने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि शौचालय में सफर करने वाले रेल यात्री टिकट नहीं लेते हैं या फिर ऐसी स्थिति अधिक भीड़ होने के कारण ही होती है. पूर्वा एक्सप्रेस सप्ताह में चार दिन मुख्य रेल खंड से होकर गुजरती है. सभी चारों दिन यात्री शौचालय में सफर करते देखे जा सकते हैं. उक्त ट्रेन में 22 डिब्बे हैं, जिनमें सिर्फ दो ही डिब्बे सामान्य हैं. जबकि छह वातानुकूलित व 11 शयन डिब्बे और शेष पेंट्री कार, जेनेरेटर आदि के हैं.
बताया जाता है कि आसनसोल-मधुपुर मुख्य रेलखंड से दिल्ली जाने के लिए सिर्फ चार ही ट्रेन है. इनमें तूफान एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, लालकिला एक्सप्रेस व पूर्वा एक्सप्रेस हैं. पूर्वा को छोड़ कर शेष तीन ट्रेनों का काफी ठहराव है और दिल्ली पहुंचने में कई दिन लग जाते हैं. जिसके कारण जरूरी कामकाजी लोग पूर्वा में ही सफर करना पसंद करते हैं. लेकिन यह ट्रेन सभी दिन नहीं चलती है. राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन भी इस रास्ते से सप्ताह में एक दिन गुजरती है. लेकिन आम आदमी की हैसियत इसमें सफर करने की नहीं के बराबर है. रेल प्रशासन चाहे तो अन्य कई ट्रेनों की भांति उक्त ट्रेन में दो और सामान्य बोगी जोड़ कर 24 तक किया जा सकता है.