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देवघर एयरपोर्ट: एयरपोर्ट के लिए अभी और इंतजार

देवघर: धार्मिक दृष्टिकोण से बाबाधाम आनेवाले श्रद्धालुओं में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के साथ-साथ देवघर को आर्थिक व पर्यटन विकास में नये आयाम को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने गया व वाराणसी के तर्ज पर बाबाधाम को अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्ग से जोड़ने की स्वीकृति दी. देवघर के कुंडा स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास […]

देवघर: धार्मिक दृष्टिकोण से बाबाधाम आनेवाले श्रद्धालुओं में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के साथ-साथ देवघर को आर्थिक व पर्यटन विकास में नये आयाम को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने गया व वाराणसी के तर्ज पर बाबाधाम को अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्ग से जोड़ने की स्वीकृति दी. देवघर के कुंडा स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास डेढ़ वर्ष पूर्व अगस्त 2012 में श्रवणी मेला के दौरान हुआ.

2015 में हवाई सेवा चालू करने की योजना तय की गयी थी. लगभग 400 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया ने 50 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण के लिए राशि राज्य सरकार को मुहैया करा दी. लेकिन शिलान्यास के डेढ़ वर्ष बाद भी निर्माण कार्य का एक ईंट तो जोड़ने की बात दूर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पायी. लगभग 650 एकड़ की जमीन पर बनने वाली इंटरनेशन एयरपोर्ट में कुल 27 गांव की 520 एकड़ रैयती जमीन का अधिग्रहण होना है. इसमें प्रशासनिक तंत्र की ओर से दस गांव की जमीन का ही अधिग्रहण पूरी हो पायी है. 17 गांव की जमीन का

अधिग्रहण कार्य लंबित है. पिछले वर्ष नागर विमानन के केंद्रीय सचिव व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक में अक्तूबर 2102 तक जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी कर लेने पर सहमति बनी थी. लेकिन अब तक 40 फीसदी भी जमीन अधिग्रहण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. इस परिस्थिति में देवघर इंटरनेशनल का सपना धरातल से कोसों दूर है.

अधिग्रहण का हुआ था विरोध: देवघर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में कई गांव में मकान व धानी जमीन को भी चिह्न्ति किया गया है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी भी व्यक्त की था. कई बार अधिग्रहण की टीम को भी विरोध झेलना पड़ा. शिलान्यास के दौरान भी आपत्ति हुई थी. लोग मकान व उपजाऊ जमीन एयरपोर्ट में देने को तैयार नहीं थे. हालांकि इसमें कई दौर में प्रशासन से वार्ता भी हुई.

पर्यटन उद्योग को मिल सकता था बढ़ावा
देवघर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट तैयार होने के बाद संताल परगना में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिल सकता था. देवघर में विश्व प्रसिद्ध बाबा मंदिर, रिखिया आश्रम व सत्संग आश्रम में सालों भर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है. इसमें सरकार को राजस्व के साथ-साथ देवघर होटल व्यवसाय समेत मार्केट में कई तरह के रोजगार काअवसर प्राप्त होता. कनेक्टिविटी बढ़ने से देवघर में विकास की संभावनाएं भी बढ़ सकती है. साथ ही सुविधा के अनुसार संताल परगना के अन्य धार्मिक स्थल बासुकीनाथ, मलुटी व तारापीठ भी टुरिज्म सर्किट से कनेक्ट हो जाता.

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