देवघर: शहरी क्षेत्र स्थित वैदिकालय की चर्चित जमीन की प्रकृति को बचाने, बनाये गये सेल डीड को निरस्त करने तथा स्वत्व निर्धारण करने के लिए सब जज एक की अदालत में टाइटिल सूट संख्या 63/14 दाखिल हुआ है. वादी नित्य नारायण झा हैं जो देवघर के रहने वाले हैं. दाखिल वाद में कहा गया है कि इनका पेशा पूजा पाठ कराना है.
वैदिकालय की जमीन को धार्मिक उद्देश्य से प्रयुक्त किया जाता रहा है. इसे धर्मशाला के नाम से लोग जानते हैं. मामले का प्रथम प्रतिवादी नागेंद्र नाथ बलियासे व रवींद्र कुमार दास बनाये गये हैं. अन्य प्रतिवादियों की संख्या 34 है. मौजा झौंसागढ़ी के दाग नंबर 151 जमाबंदी नंबर 192 दर्शाया गया है. इसकी प्रकृति बसौड़ी बतायी गयी है. रकवा तकरीबन नौ हजार एक सौ पचास वर्ग फीट है.
पूर्व से मकान निर्मित है जहां पर चबूतरा भी बना है और पुरोहित इस जमीन का धार्मिक कार्य के लिए प्रयोग करते रहे हैं. बाद में जमीन के कारोबारी ने इसकी प्रकृति को बदलने का प्रयास किया. निर्माण को तोड़ नया निर्माण करने की प्रक्रिया जारी की तो एसडीएम कोर्ट द्वारा धारा 144 के तहत निषेघाज्ञा लगायी गयी. कई सेल डीड भी बने हैं. जमीन के स्वत्व निर्धारण को लेकर यह टाइटिल सूट दाखिल हुआ है जिस पर कोर्ट में सिरिस्तादार का रिपोर्ट मांगा है. वादी ने न्यायालय से धार्मिक स्थल वाली जमीन के सेल डीड को कैंसिल करने की प्रार्थना की है. कोर्ट में मामला आ जाने के बाद जमीन के कारोबारियों को झटका लगा है.