झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा बहाल करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व केंद्र सरकार का पक्ष सुना.
खंडपीठ ने मामले में मध्यस्थ नियुक्त करने की बात कही. कहा कि मध्यस्थ, मामले में पार्टियों के बीच मध्यस्थता करेंगे तथा 30 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की, जबकि केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान ने पक्ष रखा.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने अवमानना याचिका दायर की है. उन्होंने एयरपोर्ट पर विमानों के नाइट लैंडिंग की व्यवस्था करने की मांग की है. अधिवक्ता ने बताया कि मध्यस्थ द्वारा मकान का स्ट्रक्चर टूटने से प्रभावित होनेवाले भवन मालिकों तथा देवघर एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रतिनिधि के बीच वार्ता कराया जायेगा. मकान मालिकों को कितना मुआवजा मिलेगा, कब तक स्ट्रक्चर को तोड़ा जायेगा आदि विषयों पर दोनों पक्षों से बातचीत कर 30 दिनों के भीतर मध्यस्थ को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तृत करना है. पूर्व में बताया गया था कि डीजीसीए द्वारा एयरपोर्ट के आसपास निर्धारित 11 मीटर से अधिक ऊंचाईवाले भवन मालिकों को अपना स्ट्रक्चर हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है.