मौसम साफ रहने के बावजूद तकनीकी कारण से एक बार फिर देवघर एयरपोर्ट में विमान की लैंडिंग नहीं हो सकी, जिससे एक भी विमान उड़ान नहीं भर पाया. बुधवार को देवघर एयरपोर्ट में विजिबिलिटी की समस्या के कारण उड़ान सेवा बाधित रही. दिल्ली से आने वाले विमान को कम विजिबिलिटी के कारण देवघर एयरपोर्ट से डायवर्ट कर रांची में लैंड कराया गया. देवघर उतरने वाले यात्रियों ने वहां पर इंडिगो प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर की. इंंडिगो प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, देवघर आने वाले यात्रियों को प्रबंधन की ओर से देवघर पहुंचाने की व्यवस्था का प्रस्ताव दिया गया है. एयरपोर्ट के प्रभारी निदेशक प्रवीण कुमार ने बताया कि, वर्तमान में देवघर एयरपोर्ट को लैंडिंग एवं टेकऑफ के लिए पांच हजार मीटर विजिबिलिटी की आवश्यकता है. लेकिन, बुधवार को तीन हजार मीटर से अधिक बढ़ ही नहीं रहा था, जिससे उड़ान को बाधित रखना पड़ा.यात्रियों के जीवन को लेकर किसी तरह का रिस्क नहीं लेना है, नियमानुसार जो होना चाहिए, उसी हिसाब से लैंडिंग की अनुमति दी जाती है.
अब लो विजिबिलिटी में भी विमानों की हो सकेगी लैंडिंग
शुक्रवार से देवघर एयरपोर्ट पर लो-विजिबिलिटी के कारण विमान कैंसिलेशन की समस्या समाप्त हो जायेगी. इसके लिए डीजीसीए के अधिकारी एक महीने से लगातार काम कर रहे थे. तकनीकी कार्य को पूरा करने के बाद देवघर एयरपोर्ट लगे इक्विपमेंट को फंक्शनल कर दिया गया है. मॉडम को संचालित करने के लिए बीते 10 दिनों तक तीन वरीय अधिकारियों की टीम यहां के अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे थे. इसमें रांची, पटना व कोलकता से आये अधिकारी यहां के अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे थे. देवघर एयरपोर्ट के प्रभारी निदेशक प्रवीण कुमार ने बताया कि शुक्रवार को डीजीसीए की ओर से इस इक्विपमेंट के फंक्शनल होते ही सेलिब्रेट किया जाएगा. सिस्टम फंक्शनल होते ही विजिबिलिटी के कारण विमान का कैंसिलेशन की समस्या लगभग समाप्त हो जायेगी. वर्तमान में पांच हजार मीटर विजिबिलिटी में विमान की लैंडिंग होती है, लेकिन सिस्टम फंक्शनल होते शुक्रवार से कम से कम विजिबिलिटी में लैंडिंग होगी. कितने में अभी ये बता पाना संभव नहीं है.
मार्च से नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू होने की संभावना
एयरपोर्ट के प्रभारी निदेशक ने नाइट लैंडिंग के बारे में बताया की एयरपोर्ट में इसके लिए भी दिन रात काम चालू है. तीन महीने के अंदर सेवा को प्रारंभ करने की उम्मीद है. इसके लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) को स्टॉल किया जा चुका है. बाकी काम चल रहा है, लेकिन कुछ भवन को हटाने की बात है, यह मामला हाइकोर्ट में चल रहा है. भवन वाला मामला अगर एक से डेढ़ महीने के अंदर निबट जाता है, तो संभवत मार्च के अंत तक यहां से रात्रि सेवा भी शुरू कर दी जायेगी.