31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

10 माह में देवघर सेशन कोर्ट से 278 मामलों में आया फैसला, दहेज-हत्या केस में इतने को मिली सजा

जनवरी 2022 से नवंबर 2022 के प्रथम सप्ताह तक के आंकड़ों को देखा जाये तो 278 मामलों में अलग-अलग सेशन जज के कोर्ट से फैसला आया है. निष्पादित मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, दुष्कर्म, दहेज हत्या आदि शामिल हैं.

Deoghar News: देवघर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में दर्ज हुए मुकदमों में गंभीर मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में हो रही है. इस वर्ष जनवरी 2022 से नवंबर 2022 के प्रथम सप्ताह तक के आंकड़ों को देखा जाये तो 278 मामलों में अलग-अलग सेशन जज के कोर्ट से फैसला आया है. इसमें देवघर सिविल कोर्ट में पीडीजे, एडीजे प्रथम, एडीजे दो, एडीजे तीन, एडीजे नवम के अलावा एडीजे प्रथम मधुपुर की अदालतें हैं, जिसमें त्वरित सुनवाई की गयी एवं फैसले सुनाये गये. इससे पहले वर्ष 2021 में जनवरी से दिसंबर 2021 तक कुल सेशन ट्रायल के 112 मामलों में फैसला आया था. यानी गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सेशन ट्रायल के केस निष्पादित होने का ग्राफ काफी बढ़ा है.

Also Read: धनबाद में मतदाता जागरूकता के लिए वॉकथॉन का आयोजन, सीइओ सहित कई अधिकारी
होंगे शामिल

हालांकि वर्ष 2021 में कोविड 19 के चलते अदालतों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कई माह तक सुनवाई चली थी. वर्ष 2022 में स्पीडी ट्रायल हुआ व केस निष्पादन में काफी तेजी आयी. निष्पादित मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, दुष्कर्म, दहेज हत्या आदि शामिल हैं. इसमें से दहेज के चलते विवाहिता की हत्या करने के नौ मामले शामिल हैं. दहेज हत्या के चार मामलों में पति के अलावा अन्य को भी सजा मिली है व अदालत द्वारा जुर्माना भी लगाया गया है, जबकि पांच मामलों के आरोपितों को सबूतों के अभाव में रिहा हो गये हैं. रिहा होने वाले मामलों में सूचक की ओर से ठोस सबूत कोर्ट के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया जाता है एवं गवाह मुकर जाते हैं जिसके चलते आरोपितों को संदेह का लाभ मिल जाता है.

केस स्टडी-एक

दहेज हत्या की घटना जसीडीह थाना के कदई गांव में 13 अक्तूबर 2019 को घटी थी. इस संबंध में मृतका जानकी कुमारी के पिता मेघु मंडल ने एफआइआर दर्ज कराया था. इसमें मृतका के पति नरेश मंडल के अलावा अन्य तीन लोगों कुही मंडल, अमली देवी एवं रामदेव मंडल को नामजद किया था. सूचक का आरोप था कि उनकी पुत्री की हत्या कर शव को छुपाने की नीयत से कुंआ में डाल दिया था. ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से आठ लाेगों की गवाही दी. इस मामले में 31 मार्च 2022 को सेशन जज नवम विजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत से फैसला आया. कोर्ट ने पति नरेश मंडल को दोषी करार दिया एवं दस साल की सश्रम कैद की सजा सुनायी. साथ ही पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. यह राशि नहीं देने पर अलग से छह माह की कैद काटनी होगी. अन्य तीन नामजद को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया.

केस स्टडी-दो

सेशन जज तीन गरिमा मिश्रा की अदालत से 25 फरवरी 2022 को फैसला आया. इसमें पति सुनील वर्मा को पत्नी की हत्या का दोषी करार दिया गया एवं आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. यह मुकदमा चितरा निवासी चंद्रदेव महतो के बयान पर चितरा थाना में दर्ज हुआ था जिसमें उल्लेख था कि उनकी पुत्री मीरा देवी की हत्या पत्थर से कुचलकर कर दी गयी थी.ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से 11 लोगों ने गवाही दी. सूचक चितरा थाना के मधुवाडीह गांव का रहने वाला है. इसमें सजा पाने वाले को 60 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. सुनील वर्मा सोनारायठाढ़ी थाना के बड़ा बाजार गांव का रहने वाला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें