Holi 2023: बाबा नगरी में सोमवार से होली की परंपरा शुरू हो जायेगी. बाबा मंदिर इस्टेट की ओर से इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने सोमवार व मंगलवार को होनेवाले पारंपरिक अनुष्ठानों की तिथि व समय जारी कर दिया गया है. पंडित जी के अनुसार, सोमवार को पूरी रात पट खुला रहेगा, इस दिन बाबा की शृंगार पूजा नहीं होगी. परंपरा के अनुसार, सोमवार को बाबा मंदिर के जलार्पण के बाद शाम चार बजे पट बंद कर दिया जायेगा. उसके बाद 4:20 बजे दोबारा मंदिर का पट खुलेगा तथा मंदिर महंत श्रीश्री गुलाबनंद ओझा बाबा पर गुलाल अर्पित कर बाबा नगरी की होली प्रारंभ करेंगे. वहीं, शाम 4:31 बजे भगवान कृष्ण व राधा को पालकी पर बैठा कर आजाद चौक स्थित दोल मंच ले जाया जायेगा. इस दौरान मंदिर उपचारक भक्तिनाथ फलहारी दोल मंच ले जाने के दौरान रास्ते में पड़ने वाले सभी चौराहे पर पालकी को रोक कर मालपुआ का भोग लगायेंगे.
रात भर भगवान को झुलाने के बाद मंगलवार को होगा हरिहर मिलन
दोल मंच पर भोला भंडारी की अगुवाई में भंडारी परिवार के लोग पूरी रात भगवान कृष्ण को दोलमंच पर लगे झूले पर झुलाते रहेंगे. मंगलवार की सुबह को 4:50 बजे विशेष पूजा कर होलिका दहन किया जायेगा. उसके बाद भगवान को पालकी पर मंदिर लाया जायेगा. तय समय सुबह 5:10 बजे हरिहर मिलन कर बाबा बैद्यनाथ का स्थापना दिवस मनाया जायेगा.
दो बार होगी शृंगार पूजा
मंगलवार को हरिहर मिलन होने के बाद तुरंत मंदिर को साफ कर बाबा की शृंगार पूजा की जायेगी. शृंगार होने के बाद पट को आधे घंटे के लिए बंद कर दिया जायेगा. करीब साढ़े छह बजे पट खोलकर कांचा जल पूजा व सरदारी पूजा कर जलार्पण शुरू किया जायेगा. उसके बाद शाम को सात बजे पुन: शृंगार पूजा की जायेगी.