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महाशिवरात्रि : हर हर महादेव से गूंजा देवघर, आज निकलेगी भव्य बारात, शामिल होंगे लाखों श्रद्धालु

देवघर : महाशिवरात्रि पर सोमवार को बाबा भोलेनाथ की भव्य बारात निकलेगी. इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे. शहर में करीब सात किलोमीटर की दूरी तय कर शिव बारात बाबा मंदिर पहुंचेगी. यहां देर रात तक बाबा बैद्यनाथ की चतुष्प्रहर पूजा की जायेगी तथा बाबा का विवाह संपन्न कराया जायेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी […]

देवघर : महाशिवरात्रि पर सोमवार को बाबा भोलेनाथ की भव्य बारात निकलेगी. इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे. शहर में करीब सात किलोमीटर की दूरी तय कर शिव बारात बाबा मंदिर पहुंचेगी. यहां देर रात तक बाबा बैद्यनाथ की चतुष्प्रहर पूजा की जायेगी तथा बाबा का विवाह संपन्न कराया जायेगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है.

शिव बारात की तैयारी में शहर सजकर तैयार है. बारात में देवी-देवताओं के साथ भूत-पिशाच की टोली, राक्षस आदि की झांकी के साथ हाथी, घोड़े व ऊंट भी शामिल होंगे. इससे पहले रविवार को पंचशूल की विशेष पूजा सरदार पंडा श्रीश्री गुलाबानंद ओझा ने तांत्रिक विधि से पूजा की. इसके बाद मंदिर के शिखर पर परंपरागत तरीके से पंचशूल चढ़ाया गया. इसके साथ ही भक्तों ने बाबा-पार्वती का गठबंधन किया.

बाबा मंदिर में भक्तों का लगा रहा तांता

बाबा मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. भक्तों की कतार मंदिर परिसर से बाहर निकल कर तिवारी चौक के निकट चली गयी. भक्तों को कतारबद्ध कर मंदिर गर्भ-गृह प्रवेश कराया गया. सभी भक्तों को मानसरोवर फुट ओवरब्रिज से मंदिर प्रवेश कराया गया.

इससे बोल बम, जय शिव, हर हर महादेव से मंदिर सहित आसपास का क्षेत्र गुंजता रहा. महाशिवरात्रि के दिन शहर में पानी, बिजली, सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी है. मंदिर वरीय प्रभारी अंजनी दुबे खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सभी सहायक प्रभारी लगे हुए हैं. महाशिवरात्रि के दिन सुबह से शाम तक बाबा मंदिर का पट खुला रहेगा. भक्त रात के लगभग साढ़े नौ बजे तक जलार्पण कर सकेंगे.

शीघ्रदर्शनम की सुविधा बहाल रहेगी. इसमें भक्त 500 रुपये देकर रसीद लेकर बिना लाइन में लगे भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण कर सकेंगे. बाबा की शृंगार पूजा नहीं होगी. रात्रि 10 बजे से पहले चतुष्प्रहर पूजा को लेकर मंदिर के गर्भ-गृह की सफाई की जायेगी.

रात 10 बजे से तीन बजे तक होगी पूजा

सोमवार महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि 10 बजे शुरू होकर देर रात्रि तीन बजे तक चलेगी. षोडषोपचार विधि से बाबा की पूजा की जायेगी. बाबा का प्रिय भोग दूध और भांग चढ़ाया जायेगा. उन्हें इत्र, वस्त्र व दुल्हे की माला पहनायी जायेगी. चतुष्प्रहार पूजा में पंडा सरदार दूध, घी, मधु, दही, फल मूल, आंवला, बेरा, हेरला, जनेऊ, इत्र, अरवा चावल, अबीर, सिंदूर, फलाहरी मिठाई, जलेबी, पेड़ा, मेवा, चंदन, धूप दीप, गंगाजल, फूल माला, विल्वपत्र, भांग, धतूरा फल, डाभ आदि से पूजा करेंगे.

मोर मुकुट सुबह ही बाबा के पंचशूल पर भंडारी ने चढ़ा दिया. आरती के साथ बाबा की पूजा का समापन होगा. माता पार्वती का भी भव्य शृंगार किया जायेगा. उन्हें साड़ी, सिंदूर, चूड़ी आदि शृंगार के सामान अर्पित किये जायेंगे. माता पार्वती को रातभर सिंदूर चढ़ेगा. माली परिवार के लक्ष्मी माली रात 10:00 बजे से देर रात 3:00 बजे तक मां पार्वती के ऊपर सिंदूर चढ़ाते रहेंगे. बाबा नर्वदेश्वर की एक प्रहर पूजा की जायेगी.

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