कुछ राशि बैंक को चुकाने के बाद उस पर आठ लाख 23 हजार बकाया था. जो सूद समेत फिलहाल बढ़कर तकरीबन साढ़े नौ लाख हो चुका था.
बैंक द्वारा व्यवसायी को ऋण चुकाने के लिए कई बार नोटिस दिया गया. लेकिन ऋण नहीं चुका पाने के बाद बैंक ने व्यवसायी के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दायर कर दिया. उक्त मामले में सुनवाई के बाद एसडीओ श्री कुमार ने व्यवसायी को डिफाल्टर मानते हुए उसके खिलाफ वारंट निर्गत किया था. व्यवसायी का अपने आवासीय परिसर में ही आभूषण की दुकान है.