36.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Jharkhand News : झारखंड के चतरा जिले के इस गांव में आज भी नहीं है सड़क, डीसी का आदेश भी ताक पर, शादी व अंतिम संस्कार में ग्रामीणों की बढ़ जाती है परेशानी

Jharkhand News, Chatra News, इटखोरी (विजय शर्मा) : झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड की टोनाटांड़ पंचायत का पृथ्वीपुर गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. गांव जाने के लिए न तो सड़क है और न ही ग्रामीणों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था. ग्रामीण किस हाल में रह रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सड़क के अभाव में मैय्यत व निकाह दोनों में परेशानी होती है. पिछले साल प्रभात खबर के प्रयास से बिजली बहाल हो सका था. शनिवार को प्रभात खबर प्रतिनिधि को देखकर उनका दर्द छलक उठा.

Jharkhand News, Chatra News, इटखोरी (विजय शर्मा) : झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड की टोनाटांड़ पंचायत का पृथ्वीपुर गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. गांव जाने के लिए न तो सड़क है और न ही ग्रामीणों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था. ग्रामीण किस हाल में रह रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सड़क के अभाव में मैय्यत व निकाह दोनों में परेशानी होती है. पिछले साल प्रभात खबर के प्रयास से बिजली बहाल हो सका था. शनिवार को प्रभात खबर प्रतिनिधि को देखकर उनका दर्द छलक उठा.

ग्रामीणों ने कहा कि प्रभात खबर के प्रयास से ही बिजली जल रही है. इस गांव में मुस्लिम व दलित समाज के चालीस घर हैं. गांव तीन दिशाओं में जंगल व एक दिशा में मोहाने नदी से घिरा हुआ है. मामूली बरसात होते ही घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. पिछले साल तत्कालीन डीसी जितेंद्र सिंह के आदेश पर अधिकारियों ने सड़क निर्माण के लिए सर्वेक्षण किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.

Also Read: Jharkhand News : झारखंड के चतरा में पूजा देवी की हत्या के आरोपियों का सामाजिक बहिष्कार, सामूहिक बैठक में ग्रामीणों ने लिया ये निर्णय

मोहम्मद इसरायल ने कहा गांव में न सड़क है और न पीने के पानी की सुविधा, सड़क के अभाव में मैय्यत व निकाह में परेशानी होती है. किसी की मौत होने पर मोहाने नदी पार कर कब्रिस्तान जाना पड़ता है. बरसात होने पर सात किमी दूर नगवां होकर जाना पड़ता है. गफुरनी खातून ने कहा कि जंगल के रास्ते से गुजरकर इटखोरी जाते हैं. बीमार होने पर खटिया पर टांगकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. गांव की गर्भवती महिलाएं प्रसव के दौरान मायके चली जाती हैं.

जुलेखा खातून ने कहा कि हमलोग अल्लाह के भरोसे रह रहे हैं. सड़क के अभाव में बच्चों का निकाह नहीं हो रहा है. गंगिया मसोमात ने कहा कि नदी पार करके इटखोरी जाते हैं, जब बरसात होता है तब जंगल के रास्ते जाते हैं, बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. पूनम देवी ने कहा कि गांव में सड़क और की समस्या से हमलोग जुझ रहे हैं. मात्र एक कुंआ पर आश्रित हैं. गर्मी के दिनों में कुआं सूख जाता है. उस समय नदी का पानी पीते हैं. दोनों चापानल कई माह से खराब है. फूलचंद भुइयां ने कहा कि हमलोग मवेशी से भी खराब हालत में जिंदगी बीता रहे हैं. आजादी के वर्षों बाद भी सड़क नहीं है, बाल बच्चों की शादी नहीं होती है.

Also Read: JAC Matric & Inter Exam Date 2021 : झारखंड में मैट्रिक व इंटर के विद्यार्थियों को परीक्षा फॉर्म भरने का आखिरी मौका, नौवीं व 11वीं के छात्र इस तारीख तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन, ये है लेटेस्ट अपडेट

नाजीर मियां ने कहा कि बरसात के दिनों में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. बीमार व्यक्ति भगवान भरोसे रहता है. रूकैया खातून व सबिदा खातून ने कहा कि सड़क नहीं होने के कारण हमलोग अपने मायके जाकर प्रसव करवाये हैं, मामूली बुखार होने पर भी अस्पताल जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है, साधन के आभाव में मायके जाना पड़ता है. गर्भवती महिला राजदा खातून ने कहा कि मैं इस बात को लेकर चिंतित हूं कि प्रसव के लिए मायके जाना पड़ेगा.

इस संबंध में जिला परिषद सदस्य दिलीप कुमार ने कहा कि गांव में सड़क निर्माण को लेकर कई बार डीआरडीए की बैठक में चर्चा हुई है. योजना स्वीकृत हो चुकी है. वन विभाग से एनओसी मिलने में विलंब हो रहा है. शीघ्र ही सड़क निर्माण कराया जाएगा.

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें