जिले में 1000 से अधिक चल रहे है अवैध ईंंट भट्ठे
भट्ठा से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण दूषित
चतरा. जिले में अवैध ढंग से बंगला ईंट भट्ठा का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है. इससे सरकार को हर वर्ष लाखों का नुकसान हो रहा है. इस कारोबार से कई लोग जुड़े हैं, जो बिना अनुमति के ईंट भट्ठा चला रहे हैं. इन ईंट भट्ठों पर अवैध ढंग से मिट्टी का उत्खनन कर ईंट बनायी जा रही है.
जिले में करीब 1000 ईंट भट्ठा में बंगला ईंट तैयार कर स्थानीय लोगों को ईंट उपलब्ध कराया जा रहा है. कई प्रखंडों में अवैध कोयला से ईंट भट्ठा तैयार किया जा रहा है. सबसे अधिक ईंट भट्ठा चतरा, सिमरिया, टंडवा, इटखोरी, गिद्धौर, हंटरगंज आदि प्रखंडों में संचालित हो रहा हैं. 5000 रुपये प्रति ट्रैक्टर की दर से ईंट बेचा जा रहा है. स्थानीय पुलिस, खनन विभाग, वन विभाग के पदाधिकारियों की मिलीभगत से ईंट का अवैध कारोबार चल रहा है. ईंट माफिया श्रमिकों का शोषण करते हैं. कम मजदूरी देकर ईंट तैयार की जाती है. ईंट माफिया वन भूमि में भट्ठा लगाकर ईंट तैयार करते हैं. भट्ठा से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण प्रदूषित होता है. साथ ही श्रमिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. ईंट माफिया ईंट बेच कर मालामाल हो रहे हैं.
जिले में जिस रफ्तार से शहरीकरण बढ़ रहा है. ईट भट्ठों की संख्या में वृद्धि हो रही है. जिला प्रशासन की सक्रियता के बाद भी अवैध ढंग से ईंट भट्ठा चलाया जा रहा है. हर माह उपायुक्त द्वारा जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक कर अवैध ढंग से चल रहे ईंट भट्ठा व क्रशरों को बंद कराने का निर्देश दिया जाता है. इसके बावजूद अवैध ईंट भट्ठा का कारोबार जोरों से चल रहा है.