टंडवा. प्रखंड के कोयद गांव में बना जलमीनार हाथी का दांत साबित हो रहा है. जलमीनार की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. कोयद में एक वर्ष पूर्व 24 लाख की लागत से मिनी जलापूर्ति योजना के तहत बनाया गया था. जो एक वर्ष में ही जर्जर होने लगा. घटिया निर्माण के कारण जलमीनार का हालत खराब हो गयी. पूरे जलमीनार से पानी टपकने लगा है. साथ ही पूरे गांव में जलापूर्ति हेतु लगायी गयी पाइप फट गयी.
पाइप फटने से पूरे सड़क पर पानी बह रही है. इससे ग्रामीणों को गलियों में पैदल चलना भी दूभर हो गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण में घोर अनियमितता बरती गयी है. बताया कि गांव में बिछायी गयी पाइप घटिया किस्म की थी. इसी से पाइप जगह-जगह टूट गयी. साथ ही पाइप को लगाने में गड्ढा में कम किया गया था.
ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक ने कार्य के दौरान पूरे पीसीसी पथ को खोद दिया था. इसे बाद में मरम्मत कराने की बात कही गयी थी. लेकिन अबतक मरम्मत नहीं करायी गयी. ग्रामीणों ने योजना के इंजीनियर पर भी सवाल खड़ा किया है. ग्रामीणों का कहना है कि योजना में प्राक्कलन की अनदेखी की गयी है. बताया गया कि जलमीनार में सीढ़ी, ढक्कन समेत कई समान नहीं लगाये गये, इसके बावजूद भी योजना पूरी कर दी गयी. ग्रामीण मुखलाल साव , मनोज, विनोद, राजू आदि ने उपायुक्त से मामले की जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.