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नव वर्ष के लिए तैयार हैं जिले के पिकनिक स्पॉट

चतरा : नव वर्ष के स्वागत को लेकर जिले के पिकनिक स्पॉट तैयार हैं. यहां की हसीन वादियां सैलानियों को अपनी बाहों में समटने को बेताब है़ं जिले में ऐसे कई पिकनिक स्पॉट हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे हुए हैं. इटखोरी का भद्रकाली मंदिर : जिला मुख्यालय से 35 किमी पूरब में चौपारण पथ […]

चतरा : नव वर्ष के स्वागत को लेकर जिले के पिकनिक स्पॉट तैयार हैं. यहां की हसीन वादियां सैलानियों को अपनी बाहों में समटने को बेताब है़ं जिले में ऐसे कई पिकनिक स्पॉट हैं, जो प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे हुए हैं.
इटखोरी का भद्रकाली मंदिर : जिला मुख्यालय से 35 किमी पूरब में चौपारण पथ में स्थित है मां भद्रकाली मंदिर. महाने नदी के किनारे स्थित यह मंदिर जंगलों से घिरा है़ इसकी प्राकृतिक सुंदरता अपने आप में अनुपम है़ गोमेद पत्थर से मां भद्रकाली की प्रतिमा निर्मित है़ नव वर्ष पर पिकनिक मनाने यहां दूर-दूर से लोग आते हैं़
पत्थलगड्डा का वासुदेव मठ : पत्थलगड्डा प्रखंड के नावाडीह डमौल में यह मठ स्थित है़ यहां भगवान विष्णु, सुग्रीव समेत 11 प्रतिमाएं उत्कीर्ण है़ं मंदिर से सटा विशाल जलकुंड है़ यहां बनी मूर्ति को लोग दसवीं सदी की मूर्ति मानते हैं. मूर्ति को राजा श्री भद्र सिंह ने स्थापित किया था़ लेंबोइया मंदिर प्रखंड मुख्याल से तीन किमी दूर हजारीबाग रोड में स्थित है़ यहां प्राचीन प्रतिमा है़ यहां दूर-दूर से श्रद्धालु मां का दर्शन करने पहुंचते हैं.
लावालौंग का खैवा बनारू : जिला मुख्यालय से आठ किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में खैवा बनारू जलप्रपात स्थित है़ जहां चतरा से बगरा पथ से बधार होकर पहुंचा जा सकता है़ यहां दोनों ओर से पत्थरों की दीवारों को तरासा गया है़ यदि यहां दह में एक पत्थर फेंक दिया जाये, तो काफी सुरीली प्रतिध्वनी सुनायी देती है़ कबूतर पंख फड़फड़ाकर उड़ने लगते हैं. कुछ स्थानों पर झरना भी लोगों को आकर्षित करते हैं. नव वर्ष पर यहां बिहार से भी लोग आते हैं.
कान्हाचट्टी का तमासीन जलप्रपात
जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर तुलबुल पंचायत में तमासीन जलप्रपात स्थित है़ उंटा मोड़ से कान्हाचट्टी होकर यहां पहुंचा जा सकता है़ कई पहाड़ों से होकर करीब 200 फीट से गिरता हुआ झरना, कलकल करता पानी व पहाड़ों के बीच बना गुफा मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र है़
गिद्धौर का बलबल गरम कुंड
बलबल का गरम कुंड चतरा से 35 किमी पूर्व गिद्धौर-कटकमसांडी मार्ग में स्थित है़ यह मनोरम स्थल है़ यहां बलबल नदी से निकलता गरम पानी का कुंड है़ ऐसी मान्यता है कि इस गरम कुंड में स्नान करने से चर्म रोग से छुटकारा मिलता है़
हंटरगंज का कौलेश्वरी पहाड़
चतरा से लगभग 40 किमी दूर उत्तर-पूर्व में यह पहाड़ स्थित है़ इस पहाड़ की उंचाई लगभग 1500 फीट है़ पहाड़ पर तीन धर्मों हिंदू, जैन व बौद्ध धर्म का संगम स्थल है़ पहाड़ों के बीच तालाब स्थित है, जो कभी नहीं सुखता है़ 1800 फीट उंचाई पर आकाश लोचन है़ यहां जोरी व हंटरगंज पथ से घंघरी होकर पहुंचा जा सकता है़
सिमरिया का भवानी मठ
बगरा-बालूमाथ पथ में जबड़ा से सात किमी दूरी पर स्थित है भवानी मठ़ यहां स्थित पहाड़ों से हमेशा झरना बहता रहता है़ पहाड़ों के बीच भीम गुफा स्थित है़ अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां छुप कर कुछ समय बिताया था़
टंडवा का चुंदरू मंदिर
टंडवा का चुंदरू धाम सूर्य मंदिर जिला मुख्यालय से 47 किमी दूरी पर स्थित है़ यहां सिमरिया से 27 किमी दूरी तय कर पहुंचा जा सकता है़ यहां की विशेषता पानी से तरास कर बना पत्थर है़ कलकल बहता झरना भी लोगों को आकर्षित करता है.

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