चतरा : पुलिस गिरफ्त में आने वाले कई माओवादियों ने भूमि विवाद को लेकर संगठन में शामिल होने की बात कही है. हालांकि अभी तक कोई भी माओवादी के भूमि विवाद का निबटारा नहीं हो पाया है.
सव्रेश जैसे कई माओवादी भूमि विवाद के कारण संगठन में शामिल होने की बात स्वीकारी है. लेकिन भूमि विवाद सुलझाने के बजाय वे धीरे–धीरे दलदल में फंसते चले जाते हैं. टीपीसी के कब्जे में आने वाला माओवादी प्लाटून कमांडर छोटू दास, एरिया कमांडर धनुक यादव ने भी गोतिया के साथ भूमि विवाद को लेकर माओवादी संगठन में शामिल होने की बात स्वीकारी थी.
इसके अलावा प्लाटून सदस्य जितेंद्र यादव, नारो यादव अपने पिता का बदला लेने के लिए माओवादी बनने की बात कही. एक अगस्त को टीपीसी के हाथों मारा गया बालेश्वर यादव के पिता ने भी कहा था कि उसका पुत्र गांव के ही रामेश्वर यादव के साथ भूमि विवाद के कारण ही माओवादी बना.
हालांकि भूमि विवाद नहीं सुलझ पाया. पुलिस गिरफ्त में आये माओवादी सबजोनल कमांडर पोखराज यादव ने भी माओवादी बनने का कारण भूमि विवाद ही बताया है. हालांकि चतरा एसपी अनूप बिरथरे का कहना है कि कुछ लोग भूमि विवाद के कारण माओवादी बने हैं.
शेष लोग पैसे की लालच के कारण माओवादी संगठन में शामिल हुए हैं. भूमि विवाद सुलझाने के नाम पर माओवादी अनुचित लाभ उठाते हैं. उन्होंने कहा कि माओवादी कमांडर अजय गंझू, अनुराग यादव भूमि विवाद नहीं, बल्कि पैसे की लालच में संगठन में शामिल हुआ था.