टंडवा : छह मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एनटीपीसी पावर प्लांट का शिलान्यास किया था. वक्त तो जरूर लगा पर उनका सपना धरातल पर दिखने लगा है. आज पावर प्लांट का निर्माण कार्य जोरों पर है. पावर प्लांट निर्माण के साथ टंडवा में व्यापक बदलाव आया है. टंडवा में सामाजिक, राजनीति व आर्थिक बदलाव काफी तेजी से हो रहा है. कभी उग्रवाद क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाला टंडवा आज व्यवसायियों की पसंद बनता जा रहा है. वर्तमान में एनटीपीसी निर्माण का 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. दो चिमनी बनकर तैयार हो चुकी है.
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मुंबई के कलाकार आज बिखेरेंगे अपना जलवा
टंडवा : छह मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एनटीपीसी पावर प्लांट का शिलान्यास किया था. वक्त तो जरूर लगा पर उनका सपना धरातल पर दिखने लगा है. आज पावर प्लांट का निर्माण कार्य जोरों पर है. पावर प्लांट निर्माण के साथ टंडवा में व्यापक बदलाव आया है. टंडवा में सामाजिक, राजनीति […]
वहीं तीसरी चिमनी भी लगभग 40 मीटर ऊंची बनकर तैयार हो गयी है. परियोजना का कार्य 2019 में पूरा करने के लक्ष्य के पीछे एनटीपीसी की टीम पसीना बहा रही है. एनटीपीसी निर्माण में अबतक 7300 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके है, जिसमें निर्माण कार्य में लगी भेल कंपनी को लगभग 5000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. पावर प्लांट के निर्माण कार्य होने से टंडवा में रोजगार भी बढ़े हैं. फिलहाल पावर प्लांट निर्माण में पांच हजार से ज्यादा लोग कार्य कर रहे हैं. एनटीपीसी पावर प्लांट निर्माण के साथ-साथ विकास के भी कई कार्य कर रहा है. वित्तीय वर्ष में लगभग 10 करोड़ रुपये का विकास कार्य हो चुका है. वहीं 22 करोड़ रुपये का विकास कार्य चल रहा है.
तमाम झंझावातों के बाद दिखी चिमनी की ऊंचाई
रैयतों के त्याग व अधिकारियों की मेहनत से आज एनटीपीसी की चिमनियों की ऊंचाई दिखने लगी है. छह मार्च 1999 को शिलान्यास के बाद जैसे ही भूमि अधिग्रहण का कार्य आगे बढ़ा एनटीपीसी निर्माण पर मानो ग्रहण लग गया. कोल मंत्रालय ने अधिगृहीत जमीन के नीचे कोयला होने की बात कह कर निर्माण पर रोक लगा दिया था, जिसके बाद रैयतों ने टंडवा से लेकर दिल्ली के जंतर मंतर तक आंदोलन किया. रैयतों के आंदोलन के आगे कोल मंत्रालय को झुकना पड़ा और पावर प्लांट को हरी झंडी मिल गयी. इसी बीच आरके सिंह को पावर प्लांट जीएम बनाकर भेजा गया और पावर प्लांट निर्माण को मानो पंख लग गये. हरि झंडी मिलते ही 14 हजार करोड़ रुपये के इस पावर प्लांट के निर्माण का जिम्मा भेल कंपनी को आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से दे दिया गया. इसके बाद 2014-15 से प्लांट निर्माण का कार्य शुरू किया गया, जो अबतक अनवरत चल रहा है.
स्थापना दिवस समारोह आज होंगे कि कार्यक्रम
एनटीपीसी पावर प्लांट के शिलान्यास का 19वां स्थापना दिवस मंगलवार को मनायेगा. इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक आरके सिंह के द्वारा एनटीपीसी का झंडोत्तोलन किया जायेगा. साथ ही कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा. वहीं शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. मुंबई के कलाकार अविनाश व पायल मुखर्जी व उनकी टीम अपना जलवा बिखेरेंगे.
एनटीपीसी पावर प्लांट के शिलान्यास का स्थापना दिवस
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी प्लांट की आधारशिला
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