शराब का धंधा जोरों पर, शाम होते ही नशे में धुत्त हो जाते हैं लोग
जोरी : प्रखंड में शराब चुलायी का अवैध धंधा जोरों पर है. गांवों में बड़े पैमाने पर महुआ शराब तैयार किया जाता है और इसे साप्ताहिक हाट बाजारों में बेचा जाता है़ इन बाजारों में गरीब व मजदूर वर्ग के लोग अपनी गाढ़ी कमाई आधा से अधिक हिस्सा शराब व मांस पर खर्च कर देते हैं. युवा पीढ़ी भी नशे का शिकार हो रही है. दूसरी ओर प्रशासन उदासीन बना हुआ है. स्वयंसेवी संस्था के लोग भी मूकदर्शक बने हुए हैं.
सप्ताह में सातों दिन प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हाट बाजार लगता है. बुधवार को घंघरी व शनिवार को जोरी में हाट बाजार लगता है. दोनों हाट बाजार में काफी भीड़ जुटती है. दोनों हाट एनएच 99 पर लगता है़ यहां शराब की खूब बिक्री होती है. शाम होते ही हाट में शराबियों की महफिल सजने लगती है. शराब के नशे में लोग हुड़दंग भी करते हैं. इससे हाट आने वाले लोगों खास कर महिलाओं को काफी परेशानी होती है. हाट आने वाले रास्ते में भी शराब की खुली बिक्री होती है.
शराब बेचने वालों में महिलाओं व किशोरियों की अच्छी तादाद होती है़ इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह शराब की दुकान लगती है. कई जगह मजदूरों को उधार में भी शराब परोसा जाता है. कुछ ऐसे मजदूर भी होते हैं,जो अपनी कमाई से खरीदे गये भोजन सामग्री भी शराब के लिए बेच डालते है़. ग्रामीण इलाके में कम पूंजी लगा कर ज्यादा मुनाफा कमाने की होड़ में शराब बनाने में नशीली दवा का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. इसके सेवन से लोग तरह-तरह की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं.