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श्रमदान कर बनायी दो किमी सड़क

पथेल गांव के ग्रामीणों ने पहाड़ काट कोलघाट से पथेल तक बनायी सड़क कान्हाचट्टी : प्रखंड के पथेल गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान कर दो किमी सड़क का निर्माण किया. यह सड़क चार दिन में बनायी गयी. सड़क कोलघाट से पथेल तक बनायी गयी. ग्रामीणों का कहना है कि प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में परेशानी होती […]

पथेल गांव के ग्रामीणों ने पहाड़ काट कोलघाट से पथेल तक बनायी सड़क
कान्हाचट्टी : प्रखंड के पथेल गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान कर दो किमी सड़क का निर्माण किया. यह सड़क चार दिन में बनायी गयी. सड़क कोलघाट से पथेल तक बनायी गयी. ग्रामीणों का कहना है कि प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में परेशानी होती थी. प्रखंड मुख्यालय पहुंचने के लिए सात किमी पैदल चल कर केंदुवा सहोर आना पड़ता है. अब सड़क बनने से दो पहिया वाहन आसानी से आने-जाने लगे है. सड़क बनाने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों से गुहार लगायी गयी, लेकिन किसी को ध्यान नहीं दिया. इस कार्य में पंचातय समिति सदस्य कुलेश्वर सिंह का अहम योगदान रहा. उन्होंने कई बार मुखिया से सड़क निर्माण की मांग की थी. लेकिन मुखिया ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
तब उन्होंने ग्रामीणों को प्रेरित कर सड़क बनायी. ग्रामीणों ने कहा: पथेल गांव के सीताराम सिंह ने कहा कि सड़क नहीं रहने से परेशानी होती है. खासकर बीमार व प्रसव के दौरान लोगो को काफी परेशानी होती है. चंद्रदेव शर्मा ने कहा की बच्चियों को उच्च शिक्षा नहीं दे पाते है. जरूरत के समान समय पर नहीं मिल पाते है. रामदेव यादव ने कहा कि सड़क नहीं रहने से उत्पादित साग-सब्जी को गांव में ही सस्ते दर पर बेचनी पड़ती है.
इससे आर्थिक नुकसान होता है. प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूर है पथेल गांव: पथेल गांव प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूरी पर स्थित है. यह गांव चारों ओर से पहाड़ियों व नदियों से घिरा है. यहां के लोगों का जीवन स्तर निम्न है. लोग खेती कर अपना जीविका चलाते है. चारो तरफ पहाड़ घिरे होने से बहुत कम लोग प्रखंड मुख्यालय पहुंचते है. गांव के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए तुलबुल 15 किमी पैदल चल कर आते है.

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